मथुरा में हिंदू रीति रिवाज से विवाह के बंधन में बंधा स्विट्जरलैंड का जोड़ा
वृंदावन में स्विट्जरलैंड का युगल भी यहां की सनातनी परंपरा पर इतना फिदा हो गया कि उसने हिंदू रीति-रिवाज से विवाह के बंधन में बंधने का फैसला किया।
मथुरा, जेएनएन। विदेशी भी भारतीय संस्कृति के साथ यहां के रीति-रिवाज के खासे मुरीद हो रहे हैं। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में हर वर्ष लाखों की संख्या में विदेशी आते हैं। इनमें से काफी या तो यहीं के होकर रह जाते हैं या तो फिर यहां की रीति-रिवाज के कायल हो जाते हैं।
वृंदावन में स्विट्जरलैंड का युगल भी यहां की सनातनी परंपरा पर इतना फिदा हो गया कि उसने हिंदू रीति-रिवाज से विवाह के बंधन में बंधने का फैसला किया।दो माह से वृंदावन में रह रहे युगल ने मथुरा मार्ग पर मुंगेर मंदिर में गुरुवार रात को विवाह किया। बग्घी पर सवार दूल्हा बरात लेकर पहुंचा, तो यहां जनातियों ने स्वागत किया। इसके बाद बरातियों को दोना-पत्तल में ही भारतीय व्यंजन परोसे गए।
स्विट्जरलैंड निवासी रेफियाल उर्फ रामानंद राय ने स्विट्जरलैंड की ही अपनी प्रेमिका कल्याणी ने साथ फेरे लिए। रेफियाल ने बताया कि वह कई बार भारत आए। वह यहां की हिंदू परंपराओं से काफी प्रभावित हैं। एक बार हिंदू वैवाहिक समारोह में भाग लिया, तो काफी अच्छा लगा। इसके बाद उन्होंने कल्याणी के साथ शादी करने का फैसला लिया, तो उसके सामने भी हिंदू रीति-रिवाज के साथ विवाह करने का प्रस्ताव रख दिया। इससे पहले कल्याणी को भी हिंदू विवाह समारोह के बारे में पूरी जानकारी दी, तो कल्याणी भी इससे प्रभावित हुईं।
इन दोनों ने वृंदावन में शादी का फैसला लिया। यहीं रिश्तेदार और परिजन बुला लिए। शादी से पहले बुधवार को लग्न की रस्म हुई। गुरुवार दोपहर रेफियाल बग्घी में बैठ बरात लेकर मुंगेर मंदिर पहुंचे, यहां पर कल्याणी के परिवार के लोगों ने स्वागत किया। इसके बाद वरमाला हुई और वैदिक परंपरा के साथ दोनों ने अग्नि को साक्षी मान फेरे लिए। यहां बरात के लिए जो दावत हुई, उसमें भी भारतीयता दिखी। सभी को पत्तल, दोना और मिट्टी के कुल्हड़ में भारतीय व्यंजन परोसे गए।