पहला संत शिरोमणि सूरदास महोत्सव आज से
सूरदासजी से आशीर्वाद लेने सूर साधना स्थली पारसौली पहुंची गीतांजलि
गोवर्धन, जासं। सूरदास महोत्सव का आयोजन सोमवार से होगा। इससे पूर्व प्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना एवं ब्रज की बेटी गीतांजलि शर्मा ने पारसौली स्थित सूर साधना स्थली पर जा कर दीप प्रज्ज्वलित कर माल्यार्पण किया। उन्होंने कान्हा की नगरी में होने जा रहे पहले सूरदास महोत्सव के सफल आयोजन के लिए संत शिरोमणि सूरदासजी को नमन करते हुए कार्यक्रम के सफल आयोजन को प्रार्थना की।
रविवार को गीतांजलि ने भाव विभोर होते हुए कहा कि मैं गोवर्धन की बिटिया हूं और बचपन से ही सूरदास के चरणों में एक छोटा सा प्रयास करना चाहती थी। बरसों पुराना सपना साकार होने जा रहा है। अधिकांश लोग सूरदास को भक्त महाकवि के रूप में ही जानते हैं, लेकिन आधुनिक विद्वानों का मत है कि सूरदास की लोक हितकारी और स्त्रीवादी चेतना भी उनकी पीड़ा का विषय रही है। गीतांजलि का यह कहना है कि सूरदास महोत्सव के माध्यम से देश के जाने माने नृत्य और संगीत गुरु इस आयोजन में अपनी प्रस्तुति देंगे। आने वाले समय में यह महोत्सव शास्त्रीय संगीत व नृत्य जगत के महोत्सवों में से एक प्रमुख महोत्सव के नाम से जाना जाएगा। विख्यात और प्रमुख विभूतियों को संत शिरोमणि सूरदास अवार्ड भी दिया जाएगा। स्वामी हरिदास की साधना स्थली वृंदावन में 18 और 19 फरवरी को वृंदावन शोध संस्थान के प्रेक्षागृह में संत शिरोमणि सूरदास महोत्सव-2019 का आयोजन किया जा रहा है।