सुब्रमण्यम स्वामी बोले- तीन तलाक का विरोध किया तो NSA लगाकर आजम खां को भेजेंगे जेल
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि तीन तलाक के डर से मुस्लिम महिलाएं दबकर और दहशत में रहतीं हैं। आजम खां रास्ते में आड़े आएंगे तो इन्हें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट में बंद कर देंगे।
मथुरा, जेएनएन। भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तीन तलाक पर बेहद तल्ख तेवर दिखाए। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के इस बिल का विरोध करने की बाबत उन्होंने आजम खां पर तीखी टिप्पणी की।
रामपुर से सांसद आजम खां के तीन तलाक बिल का विरोध करने के सवाल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि वह तो ऐसे ही बोलते रहते हैं। उनके मानने, न मानने से क्या होता है। तीन तलाक की पार्लियामेंट में पुष्टि हो जाए। राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि तीन तलाक के डर से मुस्लिम महिलाएं दबकर और दहशत में रहतीं हैं। आजम खां रास्ते में आड़े आएंगे तो इन्हें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट में बंद कर देंगे। महिला का अधिकार है। वह कौन होते हैं ऐसे बोलने वाले।
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी आज लोकतंत्र रक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को चाहिए कि वह कृष्णा पैकेज को स्वीकार करें। वह इस संबंध में मुस्लिम नेताओं से मिल भी चुके हैं। कृष्णा पैकेज के बारे में उन्होंने बताया कि जिस तरह से कृष्ण ने दुर्योधन के पास जाकर पांडवों के लिए पांच गांव मांगे थे। उसी तरह से हमने प्रस्ताव रखा है कि वह अयोध्या, काशी और मथुरा पर दावा छोड़ दें। नहीं तो हम 40 हजार उन स्थलों की भी मांग करेंगे जो कभी उनकी आस्था का केंद्र थे।
मीडिया से बात करते हुए स्वामी ने राम मंदिर से जुड़े सवाल पर कहा कि कुछ भी हो इस साल करना है। इस साल कर देंगे। उन्होंने कहा कि जमीन सरकार की है सरकार जमीन दे दे, काम शुरू कर देंगे। इससे पूर्व आपातकाल के 44 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में भी मुख्य वक्ता स्वामी ने राम मंदिर पर काम शुरू हो जाने के प्रति आश्वस्त करते हुए कहा कि उसके बाद मथुरा की बारी है फिर काशी विश्वनाथ। इशारों में कहा कि मुसलमान तीन की बात मान लें तो चालीस हजार के लिए खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले बीस सालों में भारत अमेरिका का मुकाबला करेगा।
विशिष्ट वक्ता राम बहादुर राय ने कहा कि मोदी के आने के बाद आज कुछ लोग कह रहे हैं कि संविधान खतरे में हैं। सच यह है कि संविधान को खतरा आपातकाल में हुआ। आपातकाल के दौरान अपनी भूमिका की चर्चा करते हुए डॉ. सुब्रमण्यम ने कहा कि वह भूमिगत रह सरकार के खिलाफ काम करते रहे। स्वामी ने कहा कि वह सरदार बनकर घूूमते थे। नानाजी देशमुख और जय प्रकाश नारायण चाहते थे कि मैं विदेश जाकर विदेशी मीडिया में आपातकाल के सच को दुनिया के सामने लाऊं। यही काम मैंने किया।
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