एसएलसी टीम के तेवर देख छूटा अफसरों का पसीना
बरेली के चीफ इंजीनियर ने तीन दिन में करीब 20 सड़कें जांचीं, नमूने लिए, लैब में कराई जाएगी जांच, सात दिन में देंगे अपनी रिपोर्ट
मथुरा, जासं: मथुरा में सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता जांचने आई एसएलसी (स्टेट लेवल चे¨कग) टीम के तेवर देख भरी सर्दी में लोक निर्माण विभाग के अफसरों और ठेकेदारों के पसीने छूट गए। टीम सड़कों से लिए गए नमूनों को अपने साथ ले गई है। इनकी लखनऊ लैब में जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि सड़क में लगाया गया मैटेरियल कितनी गुणवत्ता का है।
लोक निर्माण विभाग के बरेली डिवीजन के चीफ इंजीनियर राकेश राजवंशी के नेतृत्व में एक सदस्यीय टीम ने बुधवार से तीन दिन तक डेरा डालकर 20 सड़कों की जांच की। इनमें 10 सड़कें लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड की थीं और 10 सड़कें निर्माण खंड की थीं। चीफ इंजीनियर राकेश राजवंशी ने चे¨कग को बहुत ही बारीकी के साथ अंजाम दिया, इससे दोनों डिविजन के अधिकारियों के माथे पर पसीना झलकने लगा था। वे जिस प्रकार से सड़कों की गुणवत्ता को परख रहे थे उससे लगता है कि कई अधिकारियों पर जांच की तलवार लटक सकती है। जांच के लिए चीफ इंजीनियर अपने साथ कई तरह की मशीनें को साथ लेकर चल रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने मांट-डागोंली सड़क की थिकनेस चार कोट काट कर जांच की। कई सड़कों में विटुमिन की मात्रा के सैंपल भी लिए। सूत्रों के अनुसार एक सड़क में गड़बड़ मिली। इस पर जांच अधिकारी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए संबंधित सहायक अभियंता को फटकार भी लगाई। -गोवर्धन बाइपास सहित करीब 20 सड़कों की चै¨कग की गई। थिकनेस में सड़क मानकों के अनुरूप पाई गईं। सामग्री की गुणवत्ता लैब टे¨स्टग के बाद ही पता चल पाएगी। नमूने ले लिए हैं। जांच रिपोर्ट सात-आठ दिन में प्रस्तुत कर दी जाएगी।
राकेश राजवंशी, चीफ इंजीनियर