सुविधा न होने से गोशाला में बेहोश हो रहा बेसहारा गोवंश
समुचित चारा एवं छांव के अभाव में अस्थाई गोशाला में रह रहे बेसहारा पशु तिल-तिल कर मरने को मजबूर हो रहे हैं। शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन एवं सबंधित अधिकारी इस ओर से आंखे मूंदे हुए है।
सुरीर: चारा एवं छांव के अभाव में अस्थाई गोशाला में रह रहे बेसहारा पशु तिल-तिल कर मरने को मजबूर हो रहे हैं। शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन एवं संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। किसानों का आक्रोश थामने के लिए शासन के आदेश पर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में अस्थाई गोशाला खुलवा कर बेसहारा पशुओं को इनमें भेजकर खानापूर्ति कर दी। खुले आसमान के नीचे पशु तीखी गर्मी एवं धूप में बेहोश होकर दम तोड़ने लगे हैं।
सुरीर के गांव सरकोरिया में बेरीकेटिग लगाकर अस्थाई गोशाला खोली गई थी। आस-पास सटे गांवों में छुट्टा घूम रहे करीब तीन सौ बेसहारा गाय एवं सांड़ों पकड़कर इसमें बंद कर दिया था। इस गोशाला का संचालन इरौली गूजर के ग्राम प्रधान कमल सिंह के सुपुर्द कर दिया था। इस गोशाला में गाय एवं गोवंश के लिए समुचित चारा नहीं मिल रहा है। गर्मी और तेज धूप में गोवंश की हालत बिगड़ रही है। अब तक आधा दर्जन गाय एवं गोवंश दम तोड़ चुके हैं।
ग्रामीण कृष्णचंद्र आदि का आरोप है कि इस गोशाला में चारे के नाम पर सरसों की तूरी और धान का पुआल पशुओं को दिया जा रहा है। इससे गाय एवं गोवंश का पेट नहीं भर रहा है। तेज गर्मी एवं धूप में गोवंश बेहोश हो रहे हैं। गुरुवार को हालत बिगड़ने पर दो गोवंश की मौत हो गई। शिकायतकर्ता कृष्णचंद्र का कहना है उन्होंने गोशाला की दयनीय स्थिति को लेकर मांट से लेकर मथुरा तक अधिकारियों से शिकायत की है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। ग्राम प्रधान कमल सिंह ने कहा कि गोशाला का सही तरह से संचालन चल रहा है। एक-दो बीमार पशु की मौत हो गई थी। गोशाला में छांव के लिए अधिकारियों से टीनशेड आदि की व्यवस्था करने की मांग कर रखी है।