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Krishna Janmashtami 2019 : कान्हा के जन्मोत्सव की झलक देखने के लिए उमड़ रही आस्था

मंशा है कि कुंभ की भांति भव्यता न भी हो तो देश भर से जुट रहे मथुरा में श्रद्धालुओं को कम से कम संदेश जरूर जाए कि यह आस्थावानों की कद्रदान सरकार है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 12:00 AM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 11:45 PM (IST)
Krishna Janmashtami 2019 : कान्हा के जन्मोत्सव की झलक देखने के लिए उमड़ रही आस्था
Krishna Janmashtami 2019 : कान्हा के जन्मोत्सव की झलक देखने के लिए उमड़ रही आस्था

मथुरा [अजय शुक्ला]। बृज की बात ही निराली, दिख भी रहा। कहावत प्रसिद्ध है, सात वार-नौ त्योहार। यानी, सप्ताह में दिन भले सात हों पर त्योहार नौ मनते हैं। और, जब त्योहार तारणहार बनकर प्रकटे कान्हा के अवतरण का हो तो बृज की माटी-पानी ही नहीं यमुना की लहरों संग आस्था किस कदर समूचे मानव मन में हिलोरें उठाती है, इसकी गवाह बन रही मथुरा नगरी।

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ज्यौं-ज्यौं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभ घड़ी नजदीक आ रही, त्यौं-त्यौं यमुना भी उफान भर रही। गुरुवार को यह चेतावनी बिंदु से ऊपर बहने लगीं। जैसे, खतरे की यह चेतावनी आज यमुना तट पर बसी कालोनियों में बाढ़ की आशंका जगाती है, वैसे ही द्वापर में टोकरी में कान्हा को रख यमुना पार करते वासुदेव के मन में भी उठ रही थी। खुद को यमुना का दास, नौकर, कर्मचारी और ऐसे ही विशेषणों से नवाजकर मुग्ध भाव से यमुना तट पर भजन गा रहे राजेश पाठक कहते हैं, सब लीला है। यमुना मैया कान्हा के पग पखारकर चली जाएंगी।

द्वापर का ही दृश्य शासन भी उपस्थित करना चाह रहा। मंशा है कि कुंभ की भांति भव्यता न भी हो तो देश भर से जुट रहे श्रद्धालुओं को कम से कम संदेश जरूर जाए कि यह आस्थावानों की कद्रदान सरकार है। इसलिए शहर को सजाया जा रहा है। यही सजावट देखने और श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन से धन्य होने शाहजहांपुर के दसिया गांव से किसान वीरभान सिंह भी आये हैं। उनके साथ परिवार के 20 लोगों की टोली है।

शाहजहांपुर से वह ट्रैक्टर-ट्राली पर गृहस्थी का पूरा सामान लादकर लाये हैं। बृज घूमकर वह जन्माष्टमी बाद वापस गांव लौटेंगे। इस दौरान यही ट्रैक्टर-ट्राली उनका घर भी होगी। यानी, जो जहां होगा वहीं से आस्था पूजेगा। इनके व मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन भी जूझ रहा और पुलिस भी पस्त है। असमंजस ने असहज कर रखा है।

देश के हर कोने से और हर मिजाज के लोगों का आगमन शुरू हो चुका है। हाथ में तिरंगा उठाए मध्य प्रदेश के सतना से डेढ़ सौ की टोली संग आए सुमेंद्र तिवारी बताते हैं, वह लोग भी कान्हा का जन्मोत्सव देखने आए हैं। हाथ में तिरंगे का कारण पूछने पर बताते हैं, वे प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की अलख जगा रहे हैं। मथुरा में कुछ जगह शुक्रवार तो अधिकतर जगहों पर शनिवार को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। दो दिन यमुना के वेग संग आस्था ऐसे ही हिलोरें भरती रहेगी।


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