सीवर की खुदाई में बारिश का रोड़ा, राहगीर परेशान
मथुरा जासं। सीवर लाइन की खुदाई में बारिश रोड़ा बन गई है। दस दिन में होने वाला कार्य अभी 20 दिन में भी पूरा नहीं हो पाया है। जिम्मेदार अभी कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। इससे क्षेत्रीय लोगों के साथ राहगीरों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण संवाददाता, मथुरा: सीवर लाइन की खुदाई में बारिश रोड़ा बन गई है। दस दिन में होने वाला कार्य अभी 20 दिन में भी पूरा नहीं हो पाया है। जिम्मेदार अभी कुछ स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं। इससे क्षेत्रीय लोगों के साथ राहगीरों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मथुरा से वृंदावन जाने वाले मार्ग में करीब 900 मीटर सीवर लाइन डाले जाने का कार्य चल रहा है। इसमें से अभी तक मात्र 300 मीटर में सीवर लाइन डाली जा चुकी है, जबकि इस कार्य को पूरा करने में करीब 20 दिन का समय लग गया है, पिछले 15 दिन से तो वृंदावन मार्ग ही पूरी तरह से बंद है। राहगीर गलियों में इधर-उधर होकर निकल रहे हैं। वहीं जिम्मेदारों का कहना है कि वह छह से आठ मीटर गहराई में खुदाई करते हैं। तभी अचानक बारिश आ जाती है। गड्ढे में पानी भर जाता है। पानी के साथ मिट्टी भी होती है। कई बार तो एक एक पाइप को डालने में गड्ढे को तीन से चार बार खुदाई करनी होती है। जिम्मेदारों ने बताया कि आम आदमी को होने वाली समस्या से वह पूरी तरह समझते हैं, लेकिन बारिश होने की वजह से कार्य में अधिक समय लग रहा है। - पहले से पड़ी हैं तीन पाइप लाइन-
जहां सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। उस स्थान पर तीन पाइप लाइन पहले से पड़ी हुई हैं, जिनमें एक गंगाजल और दो सीवर की लाइन हैं। इनमें 500-500 एमएम व्यास तथा एक 700 एमएम व्यास की लाइन शामिल हैं। इतना ही नहीं 700 एमएम की तो पिछले ही दिनों नई पाइप लाइन डाली गई है। इसके अलावा बिजली विभाग की अंडरग्राउंड केबिल का जाल बिछा हुआ है। एक एक केबिल को बचाते हुए कार्य किया जा रहा है। इसलिए कार्य करने में देरी हो रही है। वर्जन बारिश की वजह से काम पूरा होने में समय लग रहा है। काफी गहराई में खुदाई होनी है। किसी भी तरह का रिस्क नहीं ले सकते हैं। मौसम साफ होता तो अब तक यह कार्य पूरा हो चुका होता।
डीएन सिंह, अधिशासी अभियंता - ड्रेनेज व सीवरेज इकाई