Move to Jagran APP

राधारानी के भक्ति समंदर में डूबा ब्रह्मांचल पर्वत

राधारानी के जन्मोत्सव को उमड़ा जन समुद्र राधे राधे की गूंज से दिव्य हुआ बरसाना

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 12:36 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:23 AM (IST)
राधारानी के भक्ति समंदर में डूबा ब्रह्मांचल पर्वत

बरसाना, संसू। अनवरत बहता आस्था का प्रवाह, फिजाओं में गूंजता राधा नाम का संकीर्तन, बरसाना नगरी का अद्भुत नजारा राधारानी के जन्म की खुशियों में द्वापर युगीन सौंदर्य की कल्पना को साकार करता नजर आया। ब्रज की महारानी के जन्मोत्सव की खुशी में इठलाता ब्रह्मांचल पर्वत राधानाम के भक्ति सागर में डूब गया। शाम की बेला में समाज गायन के बीच भक्तों द्वारा चाव चढ़ाई गई।

loksabha election banner

बरसाना वृषभानु नंदिनी के जन्म को लेकर भक्ति और उत्साह से भर गया है। ब्रजभूमि के कण कण से राधे राधे की धुन सुनाई दे रही है। शुक्रवार सुबह 4 बजे वह कीरत रानी के महल में जन्मेंगी। उनके जन्म की खुशियों में शामिल होने के लिए गुरुवार सुबह से ही देश के दूर दराज से भक्त उनके दर पर पहुंच गए हैं। गुरुवार सुबह रोजाना की तरह ही मंदिर के पट खुले लेकिन नजारा बदला हुआ था। अनवरत बहते श्रद्धा के प्रवाह से बरसाना जन समुद्र में तब्दील होता गया। शाम की बेला में बरसाना-नंदगांव का गोस्वामी समाज राधारानी के निज महल में पहुंच गया। समाज गायन में बधाई गीतों का दौर चलता रहा। शाम को चाव चढ़ाने की रस्म की गई। शहनाई की मंगल धुनों के बीच भक्तों का परिवार जन्म से पूर्व की बधाई लेकर मंदिर पहुंचा। इसमें कपड़े, मिठाई, फल आदि भेंट किए गए। बृषभानु नंदनी के जन्मोत्सव में जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के निज आश्रम रंगीली महल में श्रद्धालुओं द्वारा देर रात तक राधाकृष्ण के नाम का संकीर्तन करते नजर आए। शुक्रवार सुबह रंगीली महल में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ राधारानी का अभिषेक किया जाएगा तथा केक काटकर लाडली का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस नक्षत्र में जन्मेंगी महारानी

- बृषभान नंदनी भाद्रमास की शुक्लपक्ष अष्टमी को अनुराधा नक्षत्र तथा मूल नक्षत्र में जन्म लेंगी। मूल नक्षत्र में जन्म लेने से राधा रानी की मूल शांति के लिए सेवायत रात्रि दो बजे उनके गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। 27 कुंओं का जल, 27 पेड़ों की पत्ती, 27 तरह की औषधि, 27 मेवा, 27 ब्राह्मण, सोने चांदी की मूल-मूलनी तथा कांस्य का बना तेल का छाया पात्र के साथ हवन आदि वैदिक मंत्रोउच्चारण के बृषभानु नंदनी का मूल शांत कराया जाएगा। जिसके बाद दूध, दही, शहद, बूरा, इंत्र, घी, गुलाबजल, यमुना जल, गोघृत, पंच मेवा ,पंच नवरत्न, केसर आदि से उनके श्रीविग्रह का अभिषेक कराया जाएगा। शीश महल से आज कृपा बरसाएंगी राधारानी

- भगवान श्रीकृष्ण की शक्ति राधा रानी के जन्मोत्सव के आनंद में समूचा ब्रज मंडल डूबा हुआ है। ब्रजभूमि अपनी महारानी राधारानी के आगमन के इंतजार में है। शुक्रवार सुबह करीब चार बजे बृषभानु नंदनी का महाभिषेक लाड़िली जी मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। अभिषेक के बाद बृषभानु नंदनी अपने श्याम सुंदर के साथ सोने चांदी से जड़ित शीशमहल से अपने भक्तों पर कृपा का सागर बरसाएंगी। सोने चांदी से बना यह शीशमहल बड़ा ही अद्वितीय सौंदर्य समेटे है। इस शीशमहल में सोने-चांदी के साथ शीशा भी जड़ा है। लाडली जी मंदिर के सेवायत रासबिहारी गोस्वामी ने बताया की यह शीशमहल साल में सिर्फ एक बार राधाष्टमी महोत्सव के दौरान ही निकलता है। शीशमहल करीब बासठ वर्ष पुराना बताया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.