स्वर्ण ¨हडोले में वृषभानु दुलारी ने दिए दर्शन
लाडली के दर्शनों को उमड़े श्रद्धालु, पारंपरिक तरीके से मना हरियाली पर्व
संवाद सूत्र, बरसाना: हरियाली तीज पर बृषभान नंदिनी ने सोमवार को नंदलाल के साथ हरी पोशाक धारण कर और स्वर्ण ¨हडोले में विराजमान होकर दर्शन दिए। इस मौके पर लाडलीजी मंदिर को हरे परिधानों से सजाया गया। सोने-चांदी से जड़ित स्वर्ण ¨हडोले में विराजे प्रिया-प्रियतम एक ही ओढ़नी में भक्तो को रिझा रहे थे।
ब्रह्मांचल पर्वत पर छायी हरी छटा के बीच स्थित लाडलीजी मंदिर का मनोरम ²श्य भक्तों को आकर्षित कर रहा था। सुबह से ही सुहाने मौसम का आनंद लेते हुए श्रद्धालुओं ने गहवरवन की परिक्रमा लगाई। सुबह आठ बजे मंदिर के सेवायतों ने राधा-कृष्ण के श्रीविग्रह को गर्भगृह से बाहर जगमोहन में स्थित सोने-चांदी से जड़ित प्राचीन स्वर्ण ¨हडोले में विराजमान कराया।
बृषभान नंदिनी का छप्पन तरह के व्यंजनों का भोग लगाया गया तो श्रद्धालुओं द्वारा अपनी आराध्य राधारानी को घेवर व श्रंगार सामग्री भेंट की गई। मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने श्रावण के मल्हारे गाए। तीज के इस पर्व पर कस्बे के दानगढ़, विलासगढ़, राम मंदिर, मान मंदिर, रस मंदिर, गहवरवन, कुशल बिहारी मंदिर, श्यामाश्याम मंदिर, गोपाल मंदिर आदि तमाम में ठाकुरजी के श्रीविग्रह को झूला झुलाया गया। अकबर कालीन बने प्राचीन पत्थर के ¨हडोले में भी झूला डालकर राधाकृष्ण के स्वरूपों को झूलाया गया।
सफेद छतरी से बरसी राधारानी की कृपा-
बरसाना: हरियाली तीज की संध्या पर राधा रानी की शोभायात्रा धूमधाम से निकाली गई। राधा रानी के डोले को मंदिर के गर्भगृह से निकाल संगरमरमर की सफेद छतरी में लाया गया। गोस्वामी समाज के युवक डोले को कंधों पर उठाकर राधा रानी के जयकारे लगाते चल रहे थे। सेवायतों द्वारा राधारानी को पुआ का भोग लगाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। देर शाम गोस्वामी समाज की कुंवारी कन्या द्वारा राधा रानी का आरता किया गया, जिसके बाद डोला में बैठाकर राधा-कृष्ण के श्रीविग्रह को वापस गर्भगृह में ले जाया गया।