30 हजार की आबादी में एक भी सड़क और नाली नहीं
साक्षात नरक के दर्शन करातीं निगम में जुड़ी ढाई दर्जन कॉलोनियां, गलियों में गंदगी, जलभराव फैला रहा महामारी
मथुरा, जासं: कैबिनेट बैठक के दौरान नगर निगम में सोमवार को हंगामा करने वाले वार्ड नौ के वाशिंदों की शिकायत जायज थीं। साक्षात नरक देखना है तो वार्ड नंबर नौ में चले आइए। यहां गलियों के नाम पर ऊबड़-खाबड़ मार्ग में भरा पानी, जल निकासी के नाम पर नाले-नालियों का अभाव, बिजली के झूलते तार और अंधियारी गलियां हर वक्त मौत को आमंत्रण देती प्रतीत होती है। सफाई के अभाव में सारा वार्ड इस कदर सड़ रहा है कि लोग कभी भी महामारी की चपेट में सकते हैं। इधर, निगम के अफसर सुनने को तैयार नहीं हैं। इससे लोगों में आक्रोश पनपना लाजिमी है।
नगर निगम के गठन के बाद सौंख मंडी चौराहा से लेकर गांव पाली खेड़ा, नौगांव तक का 30 हजार आबादी का इलाका वार्ड नंबर नौ में जोड़ा गया। इसमें पूनम विहार, भडाना नगर, एमएस विहार, श्रीनगर, श्रीनाथ पुरम आदि करीब 25 से 30 कॉलोनियां और आधा दर्जन गांव शामिल हैं। यहां गांव का इलाका हो या फिर कॉलोनियां का, कहीं भी पानी निकासी की व्यवस्था नहीं है। मुख्य सौंख रोड पर बना नाला गहराई में तो आठ फीट है पर चौड़ाई में तीन फीट भी न होने के कारण जेसीबी से सफाई नहीं हो पाती। नाले में उगी घास चरते समय गोवंश अक्सर नाले में समा जाता है।
वार्ड की शायद ही कोई गली हो जो पक्की हो, नालियों के अभाव में घरों का पानी गलियों में भर जाने से स्कूली बच्चे अक्सर इसमें गिरकर चुटैल हो जाते हैं। गलियों में गंदगी के अंबार लगे हैं। खाली प्लाटों में भरा पानी और कचरा लोगों को बीमार कर रहा है। पानी की टंकी तो है पर चालू न होने से लोग जलभराव के बीच लगे हैंडपंप से दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। पार्षद गो¨वद ¨सह दिवाकर का कहना है कि वार्ड के हालात और निगम के अफसरों की मंशा देखकर नहीं लगता कि यहां 20 साल में भी लोगों के अच्छे दिन आ पाएंगे। -ईंटों का नाला जब से बना है सफाई नहीं हुई है, इससे इसमें घास उग आई है। सफाईकर्मी आता नहीं है और पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं है।
ओम प्रकाश अग्रवाल, स्थानीय निवासी -रोज स्कूल से बच्चों को इसलिए लाना पड़ता है जिससे वह गलियों में भरे पानी में न गिर जाएं। यहां सड़क, नाली, पानी, गंदगी सभी तो समस्याएं हैं, पता नहीं कब नरक से मुक्ति मिलेगी।
कमला शर्मा, स्थानीय निवासी