शीतगृहों में आलू की निकासी बंद, 50 फीसद गिरी मंडियों में आवक
थोक और फुटकर बाजार में लगातार की बढ़ रही कीमतें
जागरण संवाददाता, मथुरा: शीतगृहों से आलू की निकासी बंद हो गई है। मंडियों में आलू की आवक में 50 फीसद तक गिरावट आ गई है। थोक और फुटकर बाजार में इसकी कीमतों में पिछले पांच-छह दिन में तीन-चार रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
कोरोना संक्रमण के हालात भांप व्यापारियों ने शीतगृहों से आलू की निकासी बंद कर दी है। किसान भी अपना आलू नहीं निकाल रहे हैं। इसका प्रभाव मंडियों में नजर आने लगा है। रविवार को मंडी में 50 फीसद आलू की आवक में कमी दर्ज की गई। पिछले-चार पांच दिनों से कीमतों में तीन-चार रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है। एक सप्ताह पहले थोक में आलू 6-6.50 रुपये प्रति किलोग्राम बिका था। अब 9.30 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। फुटकर बाजार में आलू के भाव 12 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गए हैं।
आढ़ती चौधरी आनंद स्वरूप ने बताया कि मंडी में आलू की आवक में पचास फीसद कमी आई है। भाव में बढ़े हैं। डंप किया गया आलू मंडियों में आ रहा है। आलू व्यापारी मुकेश शर्मा ने बताया कि आलू की कीमतों में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसका कारण वह मंडियों में आलू की कम आवक होना है। -पिछले साल रिकार्ड कीमत पर बिका
पिछले साल मार्च में लाकडाउन होने के साथ ही थोक बाजार में आलू की कीमत 20 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी। 15 अगस्त के बाद आलू की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई। सितंबर तक आलू थोक में 35 रुपये प्रति किलोग्राम और फुटकर में 40 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिका था। इस बार भी लाकडाउन की अफवाह से व्यापारियों ने फिर पिछले साल की तरह आलू को मंडियों में उतारना बंद कर दिया। हालांकि शीतगृह संचालक निकासी न होने के पीछे गैस मेंटेन करना बता रहे हैं। -किसानों की मंडियों पर नजर: तहसील महावन क्षेत्र के गांव पचावर के आलू किसान ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि हमारे यहां से पूर्वांचल की मंडियों में छोटे आकार का आलू जा रहा है। जयपुर, उदयपुर और अजमेर की मंडियों में गुजरात से आलू मंगाया जा रहा है। सोनीपत, पानीपत, जिद, झज्जर और करनाल की मंडियों में पंजाब का आलू पहुंच रहा है। इसलिए इन शहरों में यहां से आलू नहीं भेजा रहा है। वहां मांग बढ़ने पर आलू यहां से भेजा जाएगा।
अलग-अलग होगी मंडी: अभी तक सब्जी और फल मंडी एक ही परिसर में हैं। सुबह इसमें भीड़ अधिक रहती है। इसलिए शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो पा रहा है। सब्जी मंडी में शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए अब दोनों को अलग-अलग किया जाएगा। पूर्व में जब लाकडाउन के दौरान फल और सब्जी मंडी को पांच जगह विभाजित किया गया था। इसी तरह मंडी का दोबारा विभाजित किया जाएगा।
--सुनील कुमार शर्मा, मंडी सचिव