हैक हो सकते हैं जिले के 70 फीसद एटीएम
गगन राव पाटिल, मथुरा: जिले के एटीएम पर साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है। ये कभी भी हैक हो सकते हैं
गगन राव पाटिल, मथुरा: जिले के एटीएम पर साइबर हमले का खतरा मंडरा रहा है। ये कभी भी हैक हो सकते हैं। करीब 70 फीसद एटीएम अपग्रेड नहीं हैं, जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) पहले ही चेतावनी जारी कर चुका है। इसके बावजूद बैंक इस ओर गंभीरता नहीं दिखा रही हैं।
जिले में करीब 230 एटीएम हैं। इनमें से अधिकतर पुराने वर्जन यानि ¨वडो एक्सपी पर चल रहे हैं। जबकि माइक्रोसॉफ्ट कई वर्ष पहले ही इस वर्जन को सपोर्ट करना छोड़ चुकी है। मतलब, अगर किसी भी तरह का साइबर हमला होता है, तो कंपनी का दायित्व नहीं होगा। इसके बावजूद बैंकों की कार्यप्रणाली काफी लचर चल रही है। जबकि एटीएम से जुडे़ धोखाधड़ी के कई मामले आ चुके हैं। इसको लेकर आरबीआइ ने हाल में बैंकों से अपने एटीएम को दुरस्त रखने के लिए भी कहा है। बैंक से जुडे़ सूत्रों के अनुसार कई एटीएम को अपग्रेड करने का प्रयास चल रहा है, लेकिन गति बेहद धीमी है। अभी करीब 30 फीसद मशीनों पर ही काम हो पाया है। जबकि यह प्रयास लगभग दो सालों से भी ज्यादा समय से चल रहा है। एनपीए के बोझ तले दबी बैंक
एक बैंक अधिकारी ने बताया कि एटीएम अपग्रेडेशन को लेकर बैंक बहुत उत्साहित नहीं दिख रही हैं। कारण बैंक पहले से एनपीए के बोझ तले दबी हुई हैं। आरबीआइ का लगातार दबाव बना हुआ है। डूबा पैसा रिकवर न हो पाने से बैंक मैनेजमेंट अतिरिक्त खर्च करने के मूड में नहीं दिख रहा है। इसलिए है खतरा
आइटी एक्सपर्ट अमित गर्ग के मुताबिक इस समय ¨वडो-10 वर्जन चल रहा है। जबकि एटीएम में जिस ¨वडो एक्सपी का इस्तेमाल हो रहा है उसे माइक्रोसॉफ्ट वर्ष 2006 में ही सपोर्ट करना छोड़ चुकी है। इसके बाद कई वर्जन आ चुके हैं। जिसमें विस्टा, ¨वडो 8, 10 आदि शामिल हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि पुराने वर्जन का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। मगर, ऐसी स्थिति में सिक्योरिटी रिस्क और वायरस का खतरा यूजर्स पर बना रहता है। हो चुका है साइबर हमला
बीते वर्ष मई में विश्व के 120 देशों के कंप्यूटरों के ऑपरे¨टग सिस्टम पर वानाक्राई का हमला हुआ था। इस वायरस ने ¨वडोज एक्सपी, ¨वडोज विस्टा, ¨वडोज-7 जैसे ऑपरे¨टग सिस्टम पर हमला किया था। इसके चलते एटीएम मशीनें बंद रहीं थी और बैंकों का कामकाज भी प्रभावित रहा था। एटीएम सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन का कार्य बैंक कर रही हैं। हालांकि यह उनका निजी मामला है, इसलिए लीड बैंक उनके कार्य में अधिक दखल नहीं दे सकता है।
अनिल गुप्ता, अग्रणी जिला प्रबंधक