नहीं हुआ भुगतान, छोड़ दिया काम
अधर में रह गया गोवंश टैगिग का कार्य फीडिंग भी हुई मात्र बीस फीसद कोरोनाकाल में आउटसोर्सिंग से रखे गए कर्मचारियों का नहीं हो पाया था भुगतान
जागरण संवाददाता, मथुरा: हर एक गोवंश की आनलाइन फीडिग होनी थी। इससे पहले उनके टैगिग होनी थी। लेकिन जिले में अभी 50 फीसद भी कार्य नहीं हो पाया है, जबकि फीडिग की स्थिति तो 20 फीसद पर ही अटकी हुई है। यह आलम तब है, जब कान्हा की नगरी में सबसे अधिक गोवंश होने की बात कही जाती है। खुद कृष्ण कन्हैया भी गोवंश को चारा खिलाने के लिए घूमते थे।
पशु पालन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई थी कि वह हर एक गोवंश की गिनती रखें। कोई गोवंश का पालन कर रहा है तो उसे छोड़ देता है तो टैगिग होने से संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जा सके। वर्ष 2020 के शुरुआती दिनों में कार्य को बहुत ही तेजी के साथ शुरू किया गया। आउटसोर्सिंग कर्मचारी भी तैनात किए गए थे। लेकिन मार्च में जैसे ही कोरोना वायरस ने अपनी दस्तक दी और लाकडाउन हुआ। वैसे ही टैगिग का कार्य बंद हो गया। अनलाक में जब उन लोगों को बुलाया गया तो पूर्व में किए गए कार्य का भुगतान होने की शर्त रखी गई, लेकिन जिम्मेदार धनराशि के अभाव में भुगतान कर नहीं पाए। जिसकी वजह से वह लोग कार्य को छोड़कर चले गए। विभाग की ओर से कछुआ गति से कार्य तो किया जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों का अभाव होने की वजह से अभी टैगिग का कार्य मात्र 50 फीसद ही हो पाया है, जबकि फीडिग का कार्य 20 फीसद के आसपास हुआ है। मुख्य जिला पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेंद्र पवार का कहना है कि स्टाफ के अभाव में कार्य प्रभावित हुआ है।