पेट के लिए देना पड़ता पार्किंग का रेट
पार्किंग को लेकर होती गरीब तबकेसे अवैध वसूलीशिकायतों को अनदेखा करते देते जिम्मेदार अफसर
जागरण संवाददाता, मथुरा: जिले में पार्किंग के नाम पर टेंपो, ऑटो, ई-रिक्शा वालों को प्रताड़ित करने का खेल खूब चल रहा है। कभी रास्ता रोककर वसूली होती है, तो कहीं निर्धारित दरों से ज्यादा शुल्क लिया जाता है। पेट के लिए मजबूरन देना पड़ता है। कार्रवाई की बात कहने वाले जिम्मेदार शांत बैठे हुए हैं।
पार्किंग को लेकर हो रही अवैध वसूली पर जागरण ने मोर्चा खोल दिया है। पिछले कुछ दिनों से इस खेल के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। मथुरा-वृंदावन में बनाए 23 पार्किंग स्थलों पर लूट-खसोट चल रही है। पार्किंग पर वाहन खड़े करने के ही नहीं बल्कि वहां से गुजरने का भी शुल्क अदा करना पड़ रहा है। निर्धारित पार्किंग दरों से ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं। खास बात है कि सब जानते हुए अधिकारी खामोश बैठे हुए हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों के लिए खड़ी हो गई है, जो रोजाना कुआं खोदकर पानी पीते हैं। रोटी की जुगाड़ के लिए घर से निकलने वाले ई-रिक्शा, ऑटो चालकों को रोजाना इस वसूली के खेल से गुजरना पड़ता है। इनका कहना है कि वे ज्यादा बोल नहीं सकते हैं, क्योंकि उन्हें यहीं रहकर वाहन चलाना है। कुछ बोलते हैं, तो पार्किंग कर्मचारी लड़ने पर उतारू हो जाते हैं। अधिकारियों के पास शिकायत पहुंचवाई, लेकिन उन्होंने भी अनसुना कर दिया है।