नमामि गंगे परियोजना के बहाने 'चुनावी गंगा' का बिगुल
केंद्रीय मंत्री ने दिखाए हवा और पानी से जुड़े बड़े सपने, स्पीड और रोजगार की बात कर युवाओं के दिल तक पहुंचे
मथुरा, योगेश जादौन। नमामि गंगे परियोजना के तहत करीब 500 करोड़ की विकास योजनाओं के शिलान्यास को आए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने भाषण में युवाओं के दिल की बात की। देशभर में सड़क और जलमार्ग को लेकर चल रहे कामों का ब्यौरा दिया तो आगामी वर्ष में दिल्ली से आगरा तक एयरबोट से सफर का हसीन सपना दिखाया। वहीं मथुरा को औद्योगिक हब बनाने की बात कह बेरोजगार युवाओं में संभावना के बीज बोए।
'गंगा-यमुना हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं इसलिए यह काम राजनीतिक लाभ के लिए नहीं है।' वृंदावन के अक्षयपात्र में नितिन गडकरी ने इसी वाक्य से अपने संबोधन की शुरुआत की। सेवा भावना की इच्छा तो जताई, साथ ही राजीव गांधी के समय से शुरू इस कार्य में पांच हजार करोड़ से भी अधिक खर्च होने के बाद भी कोई काम न होने की बात कह इसके राजनीतिक पहलू को भी छुआ। उन्होंने देशभर में उनके द्वारा किए गए कार्यो का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। स्पीड का सपना दिखाते हुए कहा कि एक लाख करोड़ रुपये की लागत से वह दिल्ली से मुंबई तक 12 लेन की ऐसी सड़क बनाने जा रहे हैं, जिससे दोनों शहरों की दूरी महज 12 घंटे की रह जाएगी। इस हाइवे से मथुरा को बेहद फायदा होगा। यमुना का जल सवा साल में इतना साफ होगा कि उसे लोग पी सकें। गंगा-यमुना की धारा में हमेशा नौ फीट तक पानी होगा। यमुना की धारा में 160 फीसदी पानी बढ़ेगा। सड़क के साथ जब उन्होंने दिल्ली से लेकर आगरा तक अगले साल के अंत तक एयरबोट से सफर शुरू होने की बात कही तो सब से अधिक युवाओं ने ताली बजाईं। अगले वर्ष फरवरी में एयरबोट से दिल्ली से आगरा के लिए ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ सफर करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि जगुआर के इंजन वाली यह एयरबोट खरीदी जा चुकी है। बड़ी सफाई से कहा कि यह सब पीएम मोदी के बिना नहीं हो सकता। सीधे तौर विकास की बात के पीछे निहितार्थ आगामी लोकसभा चुनाव का भी नजर आता रहा। वायदे अगले वर्ष के हुए। यानि अगली चुनावी गंगा को पार लगाने के लिए 'मांझी' को रिझाने का बिगुल ही बजा।