बापू की रामकथा पर एनजीटी ने डीएम से तलब की रिपोर्ट
विश्राम घाट के सामने गोर गिरधर मोरारी उद्यान में चल रही, श्री माथुर चतुर्वेद परिषद ने एनजीटी में दायर की है याचिका, अगली सुनवाई एक फरवरी को
मथुरा, जासं: यमुना किनारे चल रही मोरारी बापू की कथा पर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) की भृकुटि तन गई है। कथा के नाम पर यमुना में प्रदूषण फैलाने पर एनजीटी ने डीएम से इसे रोकने, जरूरी कार्रवाई करने और एक माह में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी।
विश्राम घाट के सामने गौर गिरधर मोरारी उद्यान में मोरारी बापू की नौ दिवसीय रामकथा 10 नवंबर से चल रही है। कथा स्थल को नदी के बाढ़ क्षेत्र में होने का दावा करते हुए माथुर चतुर्वेद परिषद ने इसी माह एक नवंबर को जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा को ज्ञापन देकर कार्यक्रम रोकने की मांग की थी। इसमें कहा कि यमुना को प्रदूषण से बचाने के लिए इस तरह के किसी कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी जा सकती है। पूर्व में सांसद हेमा मालिनी के ब्रजोत्सव कार्यक्रम पर भी इसी के आधार पर एनजीटी ने रोक लगाई थी।
जिलाधिकारी की ओर से शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लेने पर माथुर चतुर्वेद परिषद ने अपने अधिवक्ता राहुल चौधरी और मीरा गोपाल के माध्यम से जिलाधिकारी, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण, ¨सचाई विभाग और मुख्य सचिव उप्र शासन को लीगल नोटिस भेजा। इस पर भी जब अफसरों ने कोई संज्ञान नहीं लिया तो 12 नवंबर से खुली एनजीटी कोर्ट में माथुर चतुर्वेद परिषद के मंत्री संजीव चतुर्वेदी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से 13 नवंबर को एनजीटी में रिट दायर कर दी। 14 नवंबर को एनजीटी की मुख्य बैंच में चेयरमैन आदर्श कुमार गोयल, एक्सपर्ट एसपी बांगड़ी और नागेंद्र नंदा की अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली।
याचिका में आयोजनकर्ता कनकिया ग्रुप, मुंबई तथा दीनानाथ चतुर्वेदी को पार्टी बनाया गया है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि नदी के बाढ़ क्षेत्र में किसी तरह की गतिविधियों को अंजाम नहीं दिया जा सकता है। गंगा प्रोटेक्शन संरक्षण 16 के आदेश और जल संसाधन मंत्रालय के आदेश में स्पष्ट उल्लखित है कि नदी के प्रवाह क्षेत्र में कोई गतिविधि अंजाम नहीं दी जा सकती है। बैंच ने डीएम सर्वज्ञ राम मिश्र को इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट एक माह में देने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी। इस मामले में डीएम से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो सकी। एनजीटी के नोटिस की प्रति मिल गई है। उन्होंने पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है। एनजीटी की ओर से मिले समय में रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कथास्थल नदी के बाढ़ क्षेत्र इलाके में नहीं है। यह कार्यक्रम निजी भूमि पर हो रहा है।
- अर¨वद कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड