आधुनिक तकनीक से खेती करें सभी किसान: जीके सिंह
कृषि विज्ञान केंद्र में बांटा गया मूंग का बीज वैज्ञानिकों ने बताई खेती की नई तकनीकी
मथुरा, जासं। किसान वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकी से खेती करें। लागत घटाएं, उत्पादन बढ़ाएं। रसायनों को प्रयोग कम करें और जैविक खेती को बढ़ावा दें।
ये विचार मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्व विद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के नवागत कुलपति प्रो. जीके सिंह ने कृषि विज्ञान केन्द्र में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि खेती और पशुपालन का चोली दामन का साथ है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने किसानों से वार्ताकर स्थानीय समस्याएं और उनके समाधान सुने। उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण कर विभागों की जानकारी हासिल की। पौध रोपण इकाई में शिमला मिर्च, टमाटर की पौध मधुमक्खी पालन देखा। केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. एसके मिश्रा ने केन्द्र की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिले की मृदा, पानी उत्पादन, फसलवार क्षेत्रफल आदि के बारे में जानकारी दी। कहा कि जनपद में सरसों, कपास, धान, ज्वार, बाजरा और सब्जियों की खेती में कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से बेहतर खेती हो रही हैं। किसानों की आमदनी भी बढ़ी है। बंदी के किसान रीतराम सिंह और कारब के ओमप्रकाश ने खेतीबाड़ी में हुई तरक्की में केन्द्र की अहम भूमिका बताई। केन्द्र पर 125 एकड़ क्षेत्रफल के लिए चयनित गांवों के 125 किसानों को 8-8 किग्रा उन्नतशील स्वाति प्रजाति की मूंग के बीज के साथ जैव उर्वरक और रोग के नियत्रंण के लिए दवाइयां वितरित की गईं। संचालन डॉ. वाईके शर्मा ने किया। डॉ. बीएल यादव, डॉ. नीलम, एस चौहान, डॉ. ब्रज मोहन, डॉ. रविद्र कुमार राजपूत, एमएम भाटी, गोविद कुमार गुप्ता, अभिलाषा कुलश्रेष्ठ, सुशांत सिंह, बशीर खां मौजूद रहे।