मथुरा-वृंदावन से बाहर होंगे उत्पाती बंदर
-प्रयास -निगम ने इन्हें पकड़ने को अनुभवी संस्थाओं से मांगी निविदाएं -वन विभाग को पत्र भेज मांग
जागरण संवाददाता, मथुरा: मथुरा-वृंदावन क्षेत्र के उत्पाती बंदरों को पकड़कर निगम की सीमा से बाहर छोड़ने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। निगम ने इस संबंध में अनुभवी संस्थाओं से पूरे विवरण के साथ निविदाएं आमंत्रित की हैं। वहीं वन विभाग से उपयुक्त स्थान बताने के अलावा अनापत्ति प्रमाण पत्र भी मांगा गया है।
मथुरा-वृंदावन में बंदरों की कुल संख्या तकरीबन 50 हजार से अधिक है। न केवल वृंदावन, बल्कि मथुरा शहर की हरेक बस्ती में बंदरों की बहुलता है, जो परेशानी का सबब बने हुए हैं। यही नहीं कई बंदर तो उत्पाती हैं, जो आए दिन बच्चों और बड़ों पर हमला कर देते हैं। इनके आतंक से शहर के अंदर टीला और घाट किनारे की आबादी सर्वाधिक परेशान है। वृंदावन के बंदर तो चश्मा या अन्य सामान झपट्टा मार छीन लेते हैं और फिर खाद्य सामग्री डालने के बाद ही छोड़ते हैं, लेकिन मथुरा शहर के बंदर ज्यादा ¨हसक हैं।
नगर निगम में अब तक बंदरों को पकड़वाने के संबंध में 50 से अधिक पार्षद शिकायती पत्र दे चुके हैं। हर कोई इस समस्या से समाधान चाहता है। अब नगर निगम ने इन्हें पकड़ने का मन बनाया है। इन्हें पकड़ने के बाद शहर से बाहर छोड़ने की निविदा आमंत्रित की गई है। इसमें अनुभवी संस्थाओं को आमंत्रित किया गया है। दूसरी तरफ सामाजिक वानिकी विभाग को भी पत्र भेजकर बंदरों की समस्या का हवाला देते हुए नगर निगम सीमा से बाहर इन्हें छोड़ने के लिए कोई उपयुक्त स्थान के बारे में पूछा है। साथ ही अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने का अनुरोध किया गया है।
नगर आयुक्त समीर वर्मा ने बताया कि अगले महीने से बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू होने की संभावना है। अनुभवी संस्थाओं से बंदर पकड़ने की दरें मांगी गई हैं। लोगों को जल्द ही उत्पाती बंदरों से राहत मिल जाएगी।