पारे ने भरी उछाल, बारिश ने किया बेहाल
न्यूनतम तापमान ने 7 डिग्री सेल्सियस की अप्रत्याशित बढ़ोतरी शहर में कई स्थानों पर जलभराव विद्युत आपूर्ति रही प्रभावित
जागरण संवाददाता, मथुरा: मौसम का उतार-चढ़ाव तीसरे दिन रविवार को भी बना रहा। ओलावृष्टि, बारिश और बर्फीली हवाओं के मध्य न्यूनतम तापमान ने 7 डिग्री सेल्सियस की प्रत्याशित उछाल भरी। तापमापी पर 2 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़का पारा 9 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया। अधिकतम तापमान में 20 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बारिश से शहर में कई स्थानों पर जलभराव हो गया। विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। ग्रामीण इलाकों में देररात तक आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी।
केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम फरह में न्यूनतम तापमान 9 डिग्री और कृषि संभागीय परीक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र राया के तापमापी पर 10 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान दोनों ही केंद्रों के तापमापी पर 20 डिग्री सेल्सियस मापा गया। रविवार की सुबह ओलावृष्टि के साथ-साथ बारिश हुई और बर्फीली हवा का प्रकोप बरकरार बना रहा। दिन भर बादल छाए रहे और शाम को फिर झमाझम बारिश हुई। मौसम खराब होने से अधिकांश लोग अवकाश दिन घरों में ही कैद रहे। बारिश से शहर में भूतेश्वर तिराहा, नए और पुराने बस अड्डे के समीप रेल लाइन के पुलों के नीचे जलभराव हो गया। इससे यातायात प्रभावित रहा। कई कालोनियों में भी जलभराव की स्थिति पैदा हो गई। इससे लोगों की मुसीबत बढ़ गई। सड़कों के किनारे तिरपाल तान कर रहे गरीब मजदूरों का हाल बेहाल हो गया। मथुरा-वृंदावन समेत दूसरे धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने के लिए आए तीर्थयात्री बारिश में फंस गए। हाईवे के गोवर्धन चौराहे पर जलभराव के कारण जाम लग गया। वाहनों की देररात तक लंबी कतार लगी रही। विद्युत आपूर्ति भी शहर, कस्बा और देहात में ठप हो गई। कोसीकलां में दिन भर बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी। अधिकांश फीडर बंद रहे। बारिश के साथ ही इलाके सभी फीडर बंद हो गए। गोवर्धन, सौंख, मगोर्रा, ओल, बलदेव, महावन, वृंदावन, राया, मांट, सुरीर चौमुहां, छाता में भी बिजली गुल रही। अधीक्षण अभियंता देहात अजय गर्ग ने बताया कि 33 केवी की लाइन समेत कई सब स्टेशनों पर ब्रेकडाउन है। देररात तक आपूर्ति सामान्य नहीं होने से गांव देहात में अंधकार छाया रहा। --- रेन बसेरा में घुसा पानी:
भूतेश्वर तिराहे पर बनाए गए अस्थायी रेन बसेरा में बारिश का पानी ऊपर से तो नहीं टपका, लेकिन सड़क पर बह रहा पानी रेन बसेरा में घुस गया। बिजली नहीं आने से अंधेरा छाया रहा। शाम को रेन बसेरा खाली पड़ा हुआ था। कुछ लोग रेन बसेरा में ठहरने के लिए आए, पर हालात ठीक नहीं होने के कारण लौट गए। अधिकांश लोग बस अड्डे के टीनशेड़ और रेलवे स्टेशन के मुसाफिर खाने में ठहरे।