पांच मिनट में ही खत्म हो गई नगर निगम बोर्ड की बैठक
कैबिनेट कार्यकारिणी के उप सभापति समेत छह सदस्यों के नामों की घोषणा और उनके स्वागत के साथ ही गुरुवार को बुलाई गई नगर निगम की बोर्ड मी¨टग खत्म हो गई। इससे पहले सुबह के सत्र में कैबिनेट के छह सदस्यों को लॉटरी डालकर बाहर किया गया था। भाजपा के पार्षदों ने महापौर की इसी नीति का खुलकर विरोध किया, जबकि बसपा के पार्षदों की आवाज सदन में दब कर रह गई।
मथुरा : वोर्ड कार्यकारिणी के उप सभापति समेत छह सदस्यों के नामों की घोषणा और उनके स्वागत के साथ ही गुरुवार को बुलाई गई नगर निगम की बोर्ड बैठक खत्म हो गई। इससे पहले सुबह के सत्र में कार्यकारिणी के छह सदस्यों को लॉटरी डालकर बाहर किया गया था। भाजपा के पार्षदों ने महापौर की इसी नीति का खुलकर विरोध किया, जबकि बसपा के पार्षदों की आवाज सदन में दब कर रह गई।
महापौर डॉ. मुकेश आर्यबंधु की अध्यक्षता में नगर निगम परिसर में सुबह सुबह ग्यारह बजे से लेकर करीब एक बजे तक बोर्ड कार्यकारिणी की बैठक हुई। सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षद बाहर जमे रहे। बोर्ड कार्यकारिणी से छह सदस्यों को हटाया जाना था, जबकि उनके स्थान पर छह नये सदस्य शामिल किए जाने थे। इसके लिए पहले आम सहमति बनाने की कोशिश की गई, लेकिन जब बात नहीं बनी तो लॉटरी सिस्टम से इनको हटाया गया। अपरान्ह के सत्र में जल कल कंपाउंड में तीन बजे से सदन की बैठक बुलाई गई। इसमें महापौर ने कहा कि सभी पार्षदों को साथ लेकर चलने और नगर निगम के क्षेत्र के विकास की बात कहते हुए कार्यकारिणी में चुने गए उप सभापति और सदस्यों के नाम पढ़कर सुना दिए। पूर्व उप सभापति हेमंत अग्रवाल, सुमित वर्मा, सुरेश धनगर, गो¨वद ¨सह दिवाकर, बसपा की पार्षद नेहा वर्मा और प्रेमवती ने इसका विरोध किया। महापौर ने घोषित किए गए नए उप सभापति के स्वागत के लिए पूर्व उप सभापति हेमंत अग्रवाल को बुलाया। उन्होंने मंच पर आकर महापौर की घोषणा को नगर निगम के संविधान के खिलाफ बताते हुए स्वागत करने से ही इन्कार कर दिया। अन्य पार्षदों ने भी इस चुनाव को मेयर की मनमानी बताया। अंत में महापौर ने कहा कि संविधान के अनुसार ही चुनाव किया गया है। विरोध करने वाले का काम ही विरोध करना है।