कन्हैया के जन्मदिन पर कैद रहेंगे ' केशवदेव'
जन्मभूमि के गेट नंबर दो से सटे केशवदेव मंदिर का मुख्यमार्ग जन्माष्टमी पर बंद कर दिया जाएगा। इस तरह एकमंदिर की सुरक्षा के लिए दूसरे प्राचीन मंदिर की राह भक्तों के लिए मुश्किल भरी होगी।
जागरण संवाददाता, मथुरा: जिस दिन कान्हा के जन्म को चहुंओर खुशियां मन रही होंगी। भक्त उनके दर्शन को पलके बिछाएं बैठे होंगे। ठीक उसी दिन श्रीकृष्ण के स्वरूप यानि केशवदेव कैद कर लिए जाएंगे। सिर्फ वे ही नहीं, बल्कि उनके भक्तों, सेवायतों के साथ भी कुछ ऐसा ही सुलूक होगा। हर वर्ष की तरह इस बार भी प्रशासन प्राचीन केशवदेव मंदिर का मुख्य मार्ग बंद कर देगा। वहां आने वाले और वहां रहने वाले लोगों के लिए भी आवागमन बंद कर दिया जाएगा। फर्क यह है कि इस बार मंदिर प्रशासन ने इसका विरोध करने का मन बना लिया है। उस दिन मंदिर बंद करने की चेतावनी दी है।
तीन मार्च को जन्माष्टमी है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर खास तैयारियां चल रही हैं। इस दिन लाखों की संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक उमड़ेगा। भक्त उनके दर्शन को बेताब रहेंगे। मगर, इस अदभुत पल को खुद कृष्ण के स्वरूप केशवदेव देखने से वंचित रह जाएंगे। इस दिन जन्मभूमि के गेट नंबर दो के पास ही बने प्राचीन केशवदेव मंदिर के मार्ग (मल्लपुरा मार्ग) को बंद कर दिया जाएगा। किसी को आने जाने नहीं दिया जाएगा। इससे मंदिर प्रशासन और वहां के स्थानीय लोगों में रोष है। मंदिर के सेवायतों का कहना है कि सुरक्षा कारण बताकर हमेशा से ही मार्ग बंद कर दिया जाता है। मार्ग के आसपास करीब 15 घर भी हैं। इससे उस दिन वहां सब कैद होकर रह जाते हैं। बस कुछ ही लोगों को वीआइपी पास दिए जाते हैं। रास्ता बंद होने से केशव देव मंदिर में न आने का मलाल भक्तों को काफी रहता है। उनका आस्था को ठेस पहुंचती है। इस बार अगर ऐसा फिर होता है, तो मंदिर भी बंद रखा जाएगा। मुख्यद्वार पर बैनर लगवाने के साथ वहां धरना प्रदर्शन भी होगा।
ये है इतिहास:
मंदिर के सेवायत मुन्नीलाल गोस्वामी का दावा है कि कृष्ण के पौत्र वज्रनाभ ने सदियों पहले बृज में चार मंदिरों की स्थापना की थी। उन्होंने चार मूर्तियां विराजमान कराई थीं। इसमें मथुरा में केशवदेव, वृंदावन में गो¨वद देव, दाऊजी में बलदेव और गोवर्धन में हरदेव मंदिर शामिल हैं। प्राचीन केशवदेव मंदिर पहले मुगलों के समय मस्जिद वाली जगह था। इस पर कई बार आक्रमण हुए। औरंगजेब द्वारा इसे तुड़वा भी दिया गया। बाद में इसकी स्थापना शिवाजी महाराज के समय मराठाओं ने कराई।
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प्रशासन प्रत्येक वर्ष जन्माष्टमी पर प्राचीन केशव देव मंदिर का मार्ग बंद कर देता है। इससे न तो भक्त आ पाते और मंदिर के सेवायत उसके आसपास रहने वाले लोग भी कैद होकर रह जाते हैं। अगर फिर ऐसा होता है, तो मंदिर भी बंद कर दिया जाएगा।
-मुन्नीलाल गोस्वामी, सेवायत
मार्ग बंद होने से काफी दिक्कत होती है। उस दिन कोई आ-जा नहीं सकता है। पैदल आने जाने वाले और वाहनों का आवागमन भी बंद कर दिया जाता है। यह बात प्रशासन को कई बार बताई, लेकिन उनका रवैया वैसा ही रहता है।
-गौरव गोस्वामी, निवासी
मार्ग बंद होने से भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचती है। इसलिए निर्णय लिया है कि अगर रास्ता बंद किया तो मंदिर बंद करने के साथ ही मुख्यद्वार पर बैनर और धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
-जगदीश प्रसाद गोस्वामी, सेवायत
जन्माष्टमी पर जन्मभूमि के सभी मंदिर के दर्शन करता हूं, लेकिन प्राचीन श्री केशवदेव मंदिर के दर्शन उस दिन नहीं हो पाते हैं। रास्ता बंद कर देने से काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
-अमित, दर्शनार्थी।