ऐसी होरी में लग जाए आग री..
जागरण संवाददाता, मथुरा: बरसाना की गलियों में होली पर अक्सर एक गीत गाया जाता है। ऐसी होरी
जागरण संवाददाता, मथुरा: बरसाना की गलियों में होली पर अक्सर एक गीत गाया जाता है। ऐसी होरी में लग जाए आग री, जाने चटक रंग डारौ। इस बार इन लाइनों को ट्विस्ट कर हुरियारे गा रहे थे, ऐसी होरी में लग जाए आग री, जानै मेला बिगाड़ो। असल में ये लोग पुलिस बंदिशों से परेशान होकर होली पर हास-परिहास कर रहे थे।
नंदगांव से बरसाना होली की उमंग लेकर पीली पोखर पहुंचे हुरियारों को रंग में भंग पड़ती नजर आई। हर मोड़ पर लगे बैरियर पर जब उनसे पुलिसकर्मियों ने प्रवेश पास मांगा तो कुछ हुरियारों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि वो कितनी जगह अपने हुरियार होने का सबूत देंगे। दोपहर करीब एक बजे प्रिया कुंड पर नंदगांव के हुरियारों का पहुंचना शुरू हो गया। हाथों में ढाल लिए और सफेद रंग के धोती कुर्ता पहने हुरियारे होली खेलने को काफी उत्साहित दिखाई दिए।
जैसे ही उन्होंने पीली पोखर पर प्रवेश किया, उन्हें सुरक्षा के नाम पर पुलिस ने रोक दिया। हुरियारों के पास मौजूद दो प्रकार के पास के कारण ऐसी स्थिति बनी। कुछ पास आकार में बड़े थे और कुछ छोटे। हुरियारों का तर्क था कि प्रशासन ने ऐसे ही पास जारी किए हैं। हुरियारे अंदर जाने की जिद पर थे और पुलिसकर्मी उन्हें रोकने पर अड़े थे। इसको लेकर काफी तीखी तकरार हुई। अंत में पुलिसकर्मियों को हुरियारों की बात माननी पड़ी। प्रिया कुंड पर बरसनावासियों ने हुरियारों का ठंडाई आदि से स्वागत-सत्कार किया। यहीं पर हुरियारों ने अपनी पाग बांधी और ढाल कसी।
---ऐसौ पहली बार भयो है, जब हमें पास लेके जानौ पड़ रह्यो है। पहले जैसो हुड़दंग होरी में ना दिख रह्यो। पहले तो आसानी से आए जाय करते, अब तो ना जाने कहां-कहां तै घूमके यहां आ पाए हैं।
पवन शर्मा, हुरियार
जो आनंद स्वतंत्रता में आवे, वो बंधन में नाय आ सके, योगी जी आए कोउ बात नाय पर इन बच्चन कौ मेला तो मत बिगारो। अबके यहां पास दिखा के अंदर आवे में बेइज्जती सी महसूस है रही है।
पंडित भूदेव भारद्वाज, हुरियार
तुम्ही बताओ कभी कोऊ मेहमान अपनी ससुराल जावे है तो पास लेके जावे है का, मेला कौ रूप ही न्यारौ कर दियो है।
आदित्य झा, हुरियार
हम कोई चोर थोड़ई हैं, जो ऐसे चे¨कग करके अंदर जावे की अनुमति दे रह्ये हैं। आगे से ऐसो भयो तो हम तो ना आवेंगे।
सचिन शर्मा, हुरियार