फालैन और जटवारी में धधकती आग से निकले पंडा
जासं, कोसीकलां (मथुरा) : प्रहलाद नगरी फालैन में गुरुवार को बाबूलाल पंडा ने एक बार फिर धध
जासं, कोसीकलां (मथुरा) : प्रहलाद नगरी फालैन में गुरुवार को बाबूलाल पंडा ने एक बार फिर धधकती होलिका से निकलकर दशकों से चली आ रही परंपरा को जीवंत किया। भक्त प्रहलाद की माला धारण कर बाबूलाल पंडा ने होलिका में प्रवेश किया और कुछ क्षण बाद ही पंडा दूसरी ओर से सकुशल बाहर निकल आया। इस विस्मयकारी ²श्य को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने रंगों की बौछार कर प्रहलाद का जयघोष किया और नर¨सह भगवान को नमन किया।
कोसीकलां कस्बे से करीब पांच किमी दूर गुरुवार को भक्ति में शक्ति के चमत्कार की अग्नि परीक्षा हुई। प्रहलाद कुंड किनारे स्थित मैदान में विशाल होलिका सजाई गई। पूजन के साथ ही यहां हुरियारों ने आना शुरू कर दिया। शाम ढलते-ढलते यहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हर किसी की जुबां पर भक्त प्रहलाद की कथा थी और दिल में उससे जुड़ी पंडा की परंपरा को निहारने की लालसा। रात आठ बजते ही सभी की नजरें प्रहलाद मंदिर के सामने चौक में सजी विशाल होलिका पर आ टिकी। मंदिर से बाबूलाल पंडा के निकलते ही जयघोष हुआ और होलिका में अग्नि प्रवेश करा दी गई। होलिका की आकाश को चूमती लपटों से सामना करने की दूर-दूर तक श्रद्धालु हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। तभी रात को तय मुहूर्त पर बाबूलाल पंडा प्रहलाद कुंड में स्नान कर होलिका की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने चंद कदमों में ही होलिका को पार कर दिया, होलिका की दूसरी ओर खड़े मेला आचार्य पंडित भगवान सहाय एवं गांव के लोगों ने पंडा को कपड़ों में लपेट लिया और प्रहलादजी के शरण में ले गए।
यहां पूजा अर्चना कराई गई। उधर पंडा के सकुशल होलिका से निकलते ही भक्त प्रहलाद के गगनभेदी जयघोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो गया। श्रद्धालु होलिका की परिक्रमा कर हैरतंगेज कारनामा को सहेजने में जुट गए।
उधर गांव जटवारी में भी इसी प्रकार रात में तय मुहूर्त में सुनील पंडा ने धधकती होलिका से निकलने की पंरपरा का निर्वहन किया। उन्होंने प्रहलाद मंदिर पर पूजा अर्चना कर धधकती होलिका में प्रवेश किया और सकुशल निकले। यहां भी बड़ी संख्या में पंडा के दर्शनों के लिए लोग जुटे थे।
इनसेट
ढोल नगाड़ों पर खेली होली
कोसीकलां: प्रहलाद नगरी फालैन की अनूठी होली में होली के रंग ने सभी को सराबोर कर दिया। अबीर-गुलाल की बरसात के बीच हुरियारों ने ढोल नगाडों की थाप पर जमकर होली खेली। राधा की सखियों के रुप में हुरियारिन भी होली की हंसी ठिठौली और फिर नृत्य में हुरियारों को छकाने में पीछे नहीं रही। पंडा की अग्नि परीक्षा के लिए सजे गांव फालैन में दोपहर होते ही आसपास के गांवों के हुरियारे अपनी टोलियों को लेकर होलिका स्थल पर पहुंचे। जहां उन्होंने समाज गायन के साथ पूजा की और गांव की गलियों में होली के लिए उतर गए। हुरियारों ने आज बिरज में होरी रे रसिया, होरी रे ससिया बरजोरी रे रसिया से मेले का शुभारंभ किया। कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण भी हुरियारों की टोलियों का उत्साहवर्धन करते दिखे।