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नहर और ड्रेनों का बिगड़ा डिजाइन, टीम ने किया अध्ययन

जल शक्ति मंत्रालय की टीम तीस अगस्त को सौंप देगी अपनी रिपोर्ट

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 08:13 AM (IST)
नहर और ड्रेनों का बिगड़ा डिजाइन, टीम ने किया अध्ययन
नहर और ड्रेनों का बिगड़ा डिजाइन, टीम ने किया अध्ययन

मनोज चौधरी, मथुरा: नहर, ड्रेनों की डिजाइन बिगड़ गई है। पिछले एक महीने से जल शक्ति मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम यहां अध्ययन कर रही है। तीस अगस्त को यह टीम अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप देगी। इसी के आधार पर नहर और नालों की डिजाइन नये सिरे से तैयार की जाएगी।

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जिले में नहर और बरसाती नालों का सिस्टम काफी पुराना है। जलभराव और यमुना नदी में बाढ़ आने पर ओवर फ्लो पानी की निकासी के लिए बनाए गए बरसाती नालों का लगभग पूरी तरह से ढांचा ध्वस्त हो गया है। जल शक्ति मंत्रालय की रिमोट भौगोलिक सूचना तंत्र के सीनियर प्रोग्राम ऑफीसर जगदीश मेनन, सुरेंद्र सिंह राठौर, विवेक कुमार शाह और हेमंत कुमार की टीम नहर और बरसाती नालों की वर्तमान और पूर्व स्थिति का अध्ययन कर रही है। एपीओ मेनन ने बताया कि जिले में जल स्त्रोत, नहर और बरसाती नालों का अध्ययन लगभग पूरा हो गया है और तीस अगस्त को वह अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंप देंगे।

रिपोर्ट के मुताबिक आगरा कैनाल और मांट ब्रांच की इंटरलिकिग नहरों में फैक्ट्रियों का पानी डाला जा रहा है। जलभराव की निकासी के लिए बनाए गए नालों ही जलभराव का मुख्य कारण बने हुए हैं। ड्रेन ऊंची हो गई है। इनकी गहराई कम हो गई है। कई ऐसी ड्रेन भी हैं, जिसके मुहाने ही खत्म हो गए हैं। यही हाल रजवाह और माइनरों का हो गया। पटरी कमजोर और क्षतिग्रस्त हो गई है। यही कारण है कि निचले इलाकों में आबादी जलभराव की चपेट में आ रही है। खेत तालाब में तब्दील होते चले जा रहे हैं। बरसाती नालों के जरिए खेत और तालाब तक पहुंच रहे केमिकल युक्त पानी से जमीन की उर्वरा शक्ति प्रभावित हो रही है। ये होगी प्लानिग--

सिचाई विभाग ने जो प्रस्ताव यहां के नहर और नालों के ढांचे को दुरुस्त कर इनमें इंडस्ट्रीज के गिर रहे पानी को रोकने के लिए करीब पंद्रह करोड़ रुपये का प्लान बनाकर जल शक्ति मंत्रालय को पूर्व में भेजा गया था, लेकिन अध्ययन के पता चला कि यह धनराशि कम है। इसलिए इस प्रोजेक्ट को रिजेक्ट कर दिया है। माना यह जा रहा है कि मंत्रालय अब ग्राम पंचायतों हवाले ही नहर और नालों को कर सकता है। जिस ग्राम पंचायत में जितना एरिया नहर और नालों का होगा, उतने ही एरिया में उनकी मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायत कराएंगी। अपर खंड आगरा कैनाल के नाले-

--29 बरसाती नाले हैं। इनका पानी यमुना नदी में गिरता है।

--46 बरसाती नाले हैं जो तालाब पोखर और रजवाहों जुडे़ हैं।

निचली मांट ब्रांच के नाले -

--21 बरसाती नाले । जलमग्न होने वाले गांवों का आंकड़ा

--तहसील-गांवों की संख्या

--मथुरा-102

--छाता-61

--मांट-58

--महावन-38

--गोवर्धन-38


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