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चंद्रोदय मंदिर में नित्यानंद गौरांग महाप्रभु को कराया नौका विहार

पानीहाटी दही चिड़ा महोत्सव में नित्यानंद गौरांग का फूल और आम का बंगला सजाया

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jun 2021 05:32 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jun 2021 05:32 AM (IST)
चंद्रोदय मंदिर में नित्यानंद गौरांग महाप्रभु को कराया नौका विहार
चंद्रोदय मंदिर में नित्यानंद गौरांग महाप्रभु को कराया नौका विहार

संवाद सहयोगी, वृंदावन: गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी को पनीहाटी चिड़ा दही महामहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। बुधवार को वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में पानीहाटी चिड़ा दही महोत्सव उल्लास पूर्वक मनाया गया। सुबह मंगला आरती से शुरू हुए महामहोत्सव में भगवान राधा वृंदावन चंद्र को नई पोशाक धारण कराकर धूप आरती उतारी, छप्पन भोग अर्पित कर पालकी उत्सव का आयोजन हुआ। शाम को फूल और आम का बंगला सजाया तो ठाकुरजी को नौकाविहार करवाकर गर्मी से राहत देने की कोशिश हुई।

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छटीकरा मार्ग स्थित चंद्रोदय मंदिर में महा महोत्सव में शाम को प्रभु नित्यानंद एवं गौरांग महाप्रभु के विग्रह को पालकी में विराजित कर मंदिर प्रांगण स्थित कल्याणी पर पहुंचाया गया। जहां पर नित्यानंद व गौरांग महाप्रभु ने कल्याणी के पावन जल में डुबकी लगाई। इसके बाद नित्यानंद व गौरांग महाप्रभु के श्रीविग्रह का पुष्प महाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ। उन्हें नौका विहार के लिए ले जाया गया। जहां भक्तों ने भगवान के श्रीविग्रह पर पुष्प अर्पित कर नित्यानंद व गौरांग महाप्रभु का आशीर्वाद लिया। अंत में नित्यानंद व गौरांग महाप्रभु की महाआरती हुई। जिसमें बढ-़चढ़कर भक्तों ने हिस्सा लिया। भक्तों को विशेष रूप से निर्मित दही चिड़ा का प्रसाद बांटा गया। भगवान जगन्नाथ स्नान कर हो जाएंगे बीमार, भक्तों को नहीं देंगे दर्शन मथुरा : श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रांगण के भागवत भवन स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर में गुरुवार को भगवान जगन्नाथ को सहस्त्रधारा स्नान कराया जाएगा। अधिक स्नान करने से भगवान बीमार हो जाते हैं। इसके बाद 15 दिन तक भगवान के दर्शन श्रद्धालुओं को नहीं हो सकेंगे। स्नान के साथ ही रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ हो जाएगा।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के संयुक्त मुख्य अधिशासी राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार शाम भगवान जगन्नाथजी के स्नानयात्रा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। भगवान जगन्नाथ की इस स्नानयात्रा आयोजन के अंतर्गत भगवान जगन्नाथ को सहस्त्रधारा स्नान कराया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार भगवान जगन्नाथ को अधिक स्नान आदि के बाद बुखार हो जाता है। भगवान जगन्नाथजी के अस्वस्थ होने की इसी मान्यता के चलते श्रद्धालुओं को 15 दिन तक दर्शन सुलभ नहीं हो सकेंगे। इस अवधि में उनका जड़ी-बूटियों, औषधियों से उपचार किया जाएगा। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया 12 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, अपने बड़े भाई बलभद्र, बहन सुभद्रा के साथ रथ में विराजमान होकर यात्रा करते हुए नगर में भ्रमण को निकलेंगे। देश में जहां-जहां भगवान जगन्नाथजी के मंदिर हैं, उन सभी में ज्येष्ठ पूर्णिमा से जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ हो जाता है।


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