पुलिस पर हमले में 43 नामजद, 18 गिरफ्तार
संवादसूत्र मथुरा कोसीकलां मुहल्ला निकासा में बुधवार रात झगड़े की सूचना पर गई पुलिस पर हमले में 43 लोगों को नामजद किया गया है। गुरुवार को पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
संवादसूत्र, मथुरा : कोसीकलां मुहल्ला निकासा में बुधवार रात झगड़े की सूचना पर गई पुलिस पर हमले में 43 लोगों को नामजद किया गया है। गुरुवार को पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। सीओ छाता ने पुलिस और पीएसी के साथ दोपहर में मुहल्ला में फ्लैगमार्च किया। सुरक्षा के लिहाज से मुहल्ले में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
कोसीकलां के संवेदनशील निकासा मुहल्ला के नाडूवास इलाके में चांद और सलमू के नाबालिग बच्चों में हुआ विवाद तूल पकड़ गया था। दोनों के स्वजन आमने-सामने आ गए थे। मारपीट, पथराव के बीच में हुई फायरिग से इलाका थर्रा गया था। करीब आधा घंटा तक चले घटनाक्रम की सूचना पर इंस्पेक्टर आजाद पाल सिंह और कस्बा चौकी प्रभारी मनिदर सिंह भी पहुंचे थे। पुलिस ने झगड़ा शांत कराने की कोशिश की तो पथराव और फायरिग कर रही भीड़ पुलिसकर्मियों पर हमलावर हो गई। हालात बेकाबू हुए तो पुलिस को जान बचाकर भागना पड़ा। सीओ छाता जगदीश कालीरमन कोसीकलां, छाता और शेरगढ़ पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचे तब बलपूर्वक पुलिस ने उपद्रवियों को खदेड़ा। इंस्पेक्टर आजादपाल सिंह ने 43 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट कराई है। इसके बाद पथराव करने वालों की गिरफ्तारी के लिए रात में ही ताबड़तोड़ दबिश दी और 18 लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गए। गुरुवार को सीओ छाता जगदीश कालीरमन ने पुलिस और पीएसी के साथ इलाके में फ्लैगमार्च किया।
सीओ छाता ने कहा कि बताया कि एक भी हमलावर को बख्शा नहीं जाएगा। हालात अब सामान्य हैं।
ये हैं नामजद : शरीफ, शहजान, इरफान, फुरकान, सैफ, मोनिश, रोहित, महराब, मारुफ, आसू, राशिद, समीर, नौशाद, जावेद, आफिसर, जुबैर, इमरान, आबिद, भुल्ला, सगीर, आकिब, साबिर, सद्दाम, अरशद, सरफराज, मुन्ना, राशिद, असलम, सलीम, वसीम, आरिफर, शाहरुख, बद्दू, अनीश, आसमो, साबू, गोसू, शाहीद, कय्यूम, नसीम, जुबैर, समरान।
पहली बार नहीं सुलगा निकासा
कोसीकलां के निकासा मुहल्ला में पुलिस पर हमला, पथराव और फायरिग की यह पहली घटना नहीं है। निकासा में पथराव और कांच की बोतलें फेंका जाना आम हो चुका है। अवैध हथियार भी इलाके में गरजते रहे हैं। तमाम ऐसे मामले हुए, जिसमें पथराव हुआ, लेकिन कोई पक्ष तहरीर देने नहीं पहुंचा तो पुलिस ने चुप्पी साध ली। इसी वजह से मुहल्ले के अराजकतत्व पुलिस पर हावी होते गए हैं। पुलिस ने जिन लोगों को पाबंद किया, वे भी झगड़ा करते रहे हैं मगर पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई की जमानत की राशि वसूलने के लिए भी कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया।