शाही स्नान में यमुना की तली से ऊपर आ गई गंदगी
ओखला से आ रहा 354 यमुना जल कोट स्केप से मिल रहा 398 क्यूसिक गंगाजलकुछ संतों ने किया स्नान कुछ आचमन करके ही लौट आए
जागरण संवाददाता, मथुरा: कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक के पहले शाही स्नान पर यमुना की तली से कीचड़ ऊपर आ गई। पानी की कमी के कारण यमुना के बीच-बीच में कई स्थानों पर टापू बन गए हैं। संतों को शुद्ध पानी स्नान के लिए नहीं मिल सका। यमुना का हाल देख कुछ संतों ने स्नान नहीं किया बल्कि आचमन करके ही लौट आए।
कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक से पहले प्रशासन ने स्नान के लिए शुद्ध जल उपलब्ध कराने की घोषणा की। मथुरा-वृंदावन की पेयजल सप्लाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहले से ही हरनौल स्केप से वृंदावन के अप स्ट्रीम पर 165 क्यूसिक जल के अतिरिक्त 500 क्यूसिक गंगाजल यमुना में छुड़वाने का दावा किया था। प्रशासन अपने दावे पर खरा नहीं उतर सका। शनिवार सुबह आठ बजे ओखला बैराज से यमुना के डाउन स्ट्रीम में 354 क्यूसिक पानी छोड़ा गया। ओखला बैराज के डाउन स्ट्रीम में कोट स्केप गिरती है। कोट स्केप से 398 क्यूसिक जल छोड़ा गया। अपर खंड आगरा कैनाल के अधिशासी अभियंता बचन सिंह ने भी इसकी पुष्टि की। हरनौल और कोट स्केप का मिलाकर यमुना में 563 क्यूसिक गंगाजल आ रहा है। यमुना-गंगाजल मिलकर 917 क्यूसिक पानी शाही स्नान स्थल पर पहुंच रहा है। इससे पहले कोट स्केप से 346 क्यूसिक पानी ही छोड़ा जा रहा था। गोकुल बैराज से डाउन स्ट्रीम में 799 क्यूसिक पानी आगरा के लिए छोड़ा जा रहा है। ओखला से डाउन स्ट्रीम में छोड़े जाना वाला पानी दिल्ली के नाले-नालियों का पानी है। इसलिए यमुना में शुद्ध पानी की कमी है। शाही स्नान के लिए जब संत और भक्त यमुना में उतरे तो गंदगी तली से उखड़ कर ऊपर आ गई। कुछ संतों ने यमुना में डुबकी लगाई तो कुछ संत परंपरा का निर्वहन करते नजर आए। यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा जय किशन दास ने बताया कि हथिनी कुंड पर यमुना जल रोक लिया गया है। हथिनी कुंड के डाउन में 15-20 किलोमीटर तक पानी आ रहा है और उसके बाद यमुना सूख गई।