'वसंती श्रंगार' पहन मुस्करा उठे दानघाटी 'गिरिरराज'
वसंत पंचमी पर प्रभु को समर्पित की वसंती पोशाक और भोग
संवाद सूत्र, गोवर्धन (मथुरा): वसंत पंचमी पर दानघाटी गिरिराज जी का सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया गया। स्वर्णिम आभा बिखेरता मुकुट, कस्तूरी तिलक, गले में सोने का हार, हाथों में चांदी की लकुटि, पोशाक पर लहराती अलकावली। वसंती पोशाक धारण कर प्रभु ने वसंती भोग लगाया। तिरछी चितवन से मुस्कराते प्रभु का विशेष श्रृंगार किया।
मंगलवार को भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप में विराजमान गिरिराज प्रभु के साथ खेली गई होली से दानघाटी मंदिर परिसर प्रेम के रंगों से सराबोर नजर आया। फाल्गुन की मस्ती और श्याम रंग में रंगी होली का शुभारंभ प्रात: बेला में सेवायत मथुरा दास कौशिक लाला पंडित ने गिरिराजजी का केसर युक्त दूध से अभिषेक कर किया। इसके बाद गिरिराज जी को सर्वांग गुलाल लगाकर रंग उड़ाए। प्रभु से रंग व फूलों से भक्तों ने भी जमकर होली खेली। सेवायत पवन कौशिक ने बताया कि गिरिराज जी के बिना होली का उत्सव अधूरा है। शाम की बेला में विभिन्न प्रजातियों के सुगंधित केसरिया पुष्प और स्वर्ण आभूषणों से श्रृंगार किया।
श्यामा श्याम की सलोनी सूरत पै श्रृंगार वसंती है
संवाद सूत्र, बरसाना : ललित लवंग लता परि शीलन कोमल मलय समीरे, मधुकर निकर कंरवित कोकिल कूजित कुटीरै, के पदों के साथ मंगलवार को ब्रज की अनूठी व दिव्य प्रेम की रसभरी होली का शुभारंभ बृषभान नंदनी के चरणों में गुलाल अर्पित करने के साथ हो गया। सेवायत गोस्वामीजनों ने होली के प्रतीक के रूप में डांड़ा गाड़ा।
श्रीजी मंदिर वसंती रंग में रंगा था। शाम को करीब साढ़े पांच बजे लाडली जी मंदिर में सेवायत गोस्वामियों ने राधा जी के मुकुट व चुदंरी से सजे ध्वज रूपी (डांड़े) को गर्भ ग्रह में विधि -विधान से पूजनकर रोपा। जगमोहन में बने वसंती फूल बगले में राधाकृष्ण के श्रीविग्रह को वसंती वस्त्र धारण कराकर विराजमान कर उनके श्रीचरणों में गुलाल अर्पित किया। श्रद्धालुओं को गुलाल रूपी टीका लगा तो वह अपने को धन्य मानने लगे।