लोगो-खेलने के लिए तरस जाते हैं बच्चे
नगर निगम का एक साल पूरा होने पर जोरशोर से घोषणा गई की हर वार्ड में एक पार्क हरा-भरा और सुंदर बनाया जाएगा। खस्ताहाल पार्कों का क्या होगा इसके विषय में नगर निगम ने विचार नहीं किया। मुहल्ले ही नहीं कालोनियों में भी पार्क उजाड़ पड़े हुए हैं।
जागरण संवाददाता, मथुरा: नगर निगम का एक साल पूरा होने पर जोरशोर से घोषणा गई की हर वार्ड में एक पार्क हरा-भरा और सुंदर बनाया जाएगा। खस्ताहाल पार्कों का क्या होगा, इसके विषय में नगर निगम ने विचार नहीं किया। मुहल्ले ही नहीं कॉलोनियों में भी पार्क उजाड़ पड़े हुए हैं। इसमें स्थानीय सोसायटी और समाजसेवी संस्थाएं भी कम जिम्मेदार नहीं।
दिल्ली-आगरा राजमार्ग पर बाबा जयगुरुदेव योग साधना मंदिर के समीप लाजपत नगर में सौ फुटा रोड पर बना पार्क खेलने के काम कम गोबर के कंडे थापने या कचरा डालने के काम आ रहा है। यहां पार्क में दो-चार पेड़ खड़े हैं। बाउंड्रीबॉल पूरी तरह टूटकर ढह चुकी है और ईंटे गायब हैं। कचरा, गोबर और गंदगी का ढेर देख लगता ही नहीं कि यह पार्क है।
आसपास के बच्चे और युवा पार्क की दुर्दशा के चलते घरों में सेलफोन और टीवी पर मस्त हैं। स्थानीय निवासी राजवती ने बताया कि पार्क में खेलने के लिए जगह ही नहीं है। गोबर पड़ा है, ऐसे में बच्चे घर में ही रहते हैं। आठवीं में पढ़ने वाले श्रेयांस ने बताया कि स्कूल में पढ़ते समय ही खेल लेते हैं, अंकल यहां तो पार्क की हालत आप देख ही रहे हैं।
यह हाल तब-
भाजपा का जिला कार्यालय पुष्पांजलि कॉलोनी में ही है। चुनाव के समय यहां प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को यहां आना-जाना रहेगा, ऐसे में पार्क के नाम पर गोबर और कचरे का यह ढेर उनका स्वागत करता प्रतीत होगा।
स्वयंसेवी संस्थाएं उदासीन- समाजसेवी संस्थाएं लग्जरी होटलों में कार्यक्रमों में लाखों खर्च कर देते हैं। यदि एक-एक पार्क गोद लेकर उनका सुंदरीकरण कराएं तो शहर के अधिकांश पार्कों की सूरत बदल सकती है। संकल्प वेलफेयर सोसायटी के सचिव विनती कपूर कहते हैं संस्थाओं को इस दिशा में आगे आना होगा।