एक्सप्रेस वे का प्लान बनते ही सक्रिय हो गए थे दलाल
जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन खरीद में हुए घोटाले की न
जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जमीन खरीद में हुए घोटाले की नींव एक्सप्रेस वे के निर्माण की प्ला¨नग के साथ ही रख गई थी। जिन इलाकों से एक्सप्रेस वे निकलना था, उस क्षेत्र में दलाल सक्रिय हो गए और किसानों से सस्ती दर पर जमीन खरीद ली गई। इसी जमीन का अधिकारियों ने अपने करीबी और रिश्तेदारों को मुआवजा दिलाया।
यमुना एक्सप्रेस वे तहसील मांट और महावन में होकर गुजर रहा है। एक्सप्रेस वे के मास्टर प्लान की जानकारी किसानों को नहीं थी, जबकि अधिकारियों को यमुना एक्सप्रेस वे का नक्शा और क्षेत्र दोनों पता थे। तभी से दलाल सक्रिय हो गए और किसानों से सस्ती दर पर जमीन खरीदना शुरू कर दिया। मादौर, सेऊ पट्टी खादर, सेऊपट्टी बांगर, कोलाना बांगर, कोलाना खादर और नौहझील के किसानों से जमीन खरीदी ली गई। जमीन खरीदते समय दलालों ने किसानों को यह भी लालच दिया कि वह जब तक इस क्षेत्र में अपना कोई प्रोजेक्ट शुरू नहीं करते हैं, तब तक किसान ही इस जमीन पर खेती करते रहेंगे। इसके बदले में उनसे कोई रुपये (अनाज) आदि नहीं लिया जाएगा। इसी लालच में किसान दलालों के झांसे में फंसकर अपनी जमीनों को बेच गए। इसके बाद उस जमीन पर खेती-क्यारी करने के लिए भी उन्हीं किसानों को दे दिया गया।
जैसे ही किसानों को पता चला कि यमुना एक्सप्रेस वे उनके क्षेत्र से निकलने जा रहा है, तो उन्होंने अपनी जमीनों को बेचना बंद कर दिया था। किसान अपनी जमीन को यमुना एक्सप्रेस विकास प्राधिकरण की हद में आने का इंतजार करने लगे। यमुना एक्सप्रेस वे निकलने के बाद जमीनों के सौदे आदि में हुई धांधली पर काफी कुछ महाप्रबंधक नियोजन मीना भार्गव की जांच रिपोर्ट में उजागर हो गया।
किसानों के मुआवजे के लिए शुरुआत से ही संघर्ष कर रहे सर्वदलीय किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष रामबाबू कटैलिया का कहना है कि किसानों के साथ अन्याय किया गया। उनको दलालों ने झांसे में फंसाकर उनसे सस्ती कीमत पर जमीन लेकर उसका चार गुना मुआवजा ले लिया। कटैलिया ने कहा कि अभी भी एक दर्जन के करीब दलाल नौहझील, मांट और महावन क्षेत्र में सक्रिय हैं। अधिकारियों के साथ दलालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। -यमुना एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर हमें कोई भी जानकारी नहीं है। अभी तक यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण की तरफ से जमीन की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी किए जाने के संबंध में कोई पत्र भी नहीं आया है।
हरीशंकर यादव, भूमि अध्यापित अधिकारी, मथुरा