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निराश्रित गोवंश के पुनर्वास के लिए लागू होगा ललितपुर मॉडल

निराश्रित गोवंश के पुनर्वास को लेकर सरकार की मंशा साफ है। उसके पास ललितपुर का मॉडल भी है। सरकार चाहती है इसे इस तरह लागू किया जाए कि सरकारों के आने-जाने का इस पर कोई असर न पड़े। इसके लिए वेटेरिनरी विवि के कुलपति के नेतृत्व में एक 20 सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी की पहली बैठक आज विवि में की गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 10:58 PM (IST)
निराश्रित गोवंश के पुनर्वास के लिए लागू होगा ललितपुर मॉडल

20 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है कुलपति के नेतृत्व में

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1.20 करोड़ रुपये प्रत्येक जिले को देगी सरकार

47 जिलों को पहली किस्त जारी कर चुकी है सरकार

50 लाख रुपये मिले हैं उक्त जिलों को पहली किस्त के रूप में

01 लाख निराश्रित गोवंश हैं बुंदेलखंड में

10 हजार के लगभग औसतन अन्य जिलों में है निराश्रित गोवंश जागरण संवाददाता, मथुरा: निराश्रित गोवंश के पुनर्वास के लिए प्रदेशभर में ललितपुर मॉडल विकसित किया जाएगा। सरकार चाहती है कि इसे इस तरह लागू किया जाए कि सरकारों के आने-जाने का कोई असर न पड़े। इसके लिए वेटेरिनरी विवि के कुलपति के नेतृत्व में एक कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी की पहली बैठक मंगलवार को विवि में हुई।

प्रदेश सरकार निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थल देना चाहती है। इसके लिए हर जिले में गोवंश आश्रय स्थल खोले जाने हैं। सरकार इसके लिए हर जिले को निर्धारित राशि देगी। 47 जिलों को पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। इसके लिए गोचर भूमि का इस्तेमाल किया जा रहा है। समस्या यह है कि एक तो तमाम जिलों में गोचर की भूमि पर कब्जा है, दूसरे इस पर किसी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता। बैठक में सदस्यों ने सरकार से इसके लिए राजस्व विभाग को गाइड लाइन जारी करने का सुझाव दिया। कमेटी के अध्यक्ष विवि के कुलपति डॉ. केएमएल पाठक ने बताया कि यह समिति की पहली बैठक थी। दो सत्र में हुई बैठक में तमाम जिलों में चयनित विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें पशुपालन, गोशाला, मीडिया के लोग शामिल हुए। उत्पादन से जोड़ा जाएगा

बैठक में तय किया गया कि उक्त गोवंश आश्रय स्थलों को वृद्धाश्रम की तर्ज पर बनाया जाएगा। इन्हें उत्पादन से जोड़ा जाए। गोबर से बायोगैस और वर्मीकंपोस्ट बनाए जाएं। इनके साथ ही गोमूत्र की भी बिक्री की जाए। बैठक में वित्त पोषण को मनरेगा, ग्राम पंचायत संचित निधि आदि से भी सहयोग लेने की बात कही गई। ''बैठक में निराश्रित गोवंश की समस्या के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक स्वत: निर्भर समाधान के लिए कार्ययोजना बनाने पर चर्चा की गई। निराश्रित गोवंश समस्या बन गए हैं। इन्हीं का पुनर्वास होना है।''

- केएमएल पाठक, कुलपति, वेटेरिनरी विवि यह है ललितपुर मॉडल-

ललितपुर में निराश्रित गोवंश के पुनर्वास के लिए 150 एकड़ भूमि पर गोवंश आश्रय स्थल खोला गया। इसके लिए गोचर भूमि का इस्तेमाल किया गया। वहां के डीएम के प्रयासों से यह प्रयोग सफल हुआ। इसी को ललितपुर मॉडल कहा जाता है।


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