जन्मीं ललिता सखी, गूंज उठे जयकारे
बरसाना राधारानी की सबसे प्रिय व प्रधान सखी ललिता का जन्मोत्सव सोमवार को उनके पैतृक
संवाद सूत्र, बरसाना: राधारानी की सबसे प्रिय व प्रधान सखी ललिता का जन्मोत्सव सोमवार को उनके पैतृक गांव ऊंचागांव में धूमधाम से मना। सेवायतों ने दोपहर में पंचामृत से ललिता सखी के विग्रह का अभिषेक किया। गांव जयकारों से गूंजा, तो बधाई गायन में लोग झूम उठे। सोमवार को भाद्रपक्ष की छठ को ऊंचागांव में स्थित ललिता अटा अटोर नामक पहाड़ी पर बने भव्य ललिता मंदिर के सेवायतों दोपहर 12 बजे ललिता जी के श्रीविग्रह को घी, दूध, दही, शहद, बूरा, केसर, जटामसी, चंदन चूरा, नागार मोथा, अगर तगर, पंच मेवा, गुलाब जल, इत्र, घोघृत आदि का पंचामृत बनाकर अभिषेक कराया। ललिता सखी के जन्मोत्सव पर मंदिर में घंटे-घड़ियाल बज उठे। मंदिर परिसर ललिता सखी व राधारानी के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान गुर्जर समुदाय के लोगों ने लोक नृत्य प्रस्तुत किया। अनुराग सखी ने मंदिर परिसर में बधाई गायन किया। कोरोना वायरस के चलते बहुत कम ग्रामीण मंदिर परिसर में मौजूद रहे। ब्रजाचार्य पीठ के पीठाधीश्वर गोस्वामी उपेंद्र नारायण भट्ट, ललिता पीठ के पीठाधीश्वर गोस्वामी कृष्णनंद तैलंग, ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट, सर्वेश भट्ट, रोहित भट्ट, वासुदेव भट्ट, अरुण भट्ट, दिनेश, नारायण, तारकेश ने अभिषेक में भाग लिया। टोडरमल ने कराया था मंदिर निर्माण:
ललिता सखी के मंदिर का निर्माण अकबर के राजस्व मंत्री टोडरमल ने श्रीलनारायण भट्ट जी के आदेश से कराया था। आज से 570 वर्ष पहले श्रील नारायण भट्ट तमिलनाडू के मुद्रापटनम से आए थे। उन्होंने ही ललिता जी की दिव्य प्रतिमा का प्राकट्य किया था।