कदंब खंडी में जीवंत हुई चीरहरण लीला
राधाकृष्ण के जयकारों से गूंजा कदंबखंडी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा
बरसाना(मथुरा), संसू। माखन चोर कान्हा की चीरहरण लीला को देखकर श्रद्धालु आनंद से भावविभोर हो उठे। लीला को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।
गुरुवार को राजस्थान के कामां तहसील के अंतर्गत गांव पाछौल स्थित प्राचीन लीलास्थली कदंबखंडी में चीरहरण लीला का मंचन हुआ। देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। मान्यता है कि हजारों वर्ष पहले यहां यमुना नदी बहा करती थी। एक दिन जब ब्रज की गोपिकाएं यमुना में स्नान कर रही थी, तो माखन चोर श्रीकृष्ण ने उनके वस्त्रों का हरण कर कदंब के वृक्ष पर जा बैठे थे। जब गोपियां स्नान करके के यमुना से बाहर आती हैं और अपने वस्त्रों को न पाकर दुखी हो जाती हैं। जब वो मुरली मनोहर को कदंब के वृक्ष पर बैठा देख, उनसे प्रार्थना करती है कि हे कृष्ण हमारे वस्त्र वापस कर दो। श्रीकृष्ण उनसे वचन लेते हैं कि आज के बाद वो कभी वस्त्रों को इस तरह छोड़कर स्नान नही करेंगी। इस चीरहरण लीला का मंचन उसी जगह किया गया। जहां कभी यमुना बहा करती थी। श्रीकृष्ण की इस अनोखी लीला के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा।