नववर्ष पर झूमी भक्ति, बही आस्था की बयार
नववर्ष के पहले दिन ही आस्था के दर पर भक्ति की बयार बही। आराध्य के दर्शन क
जेएनएन, मथुरा : नववर्ष के पहले दिन ही आस्था के दर पर भक्ति की बयार बही। आराध्य के दर्शन कर सुख-समृद्धि की प्रार्थना कर श्रद्धालुओं ने नए साल की शुरुआत की। प्रभु की जय-जयकार से वातावरण में श्रद्धा की मिठास घुल गई। श्रीकृष्ण जन्मस्थान, द्वारिकाधीश मंदिर, महावन, चिताहरण महादेव पर आस्था दिन भर झूमती रही।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर ठाकुरजी के दर्शन कर भक्त निहाल हो गए। मंदिर में श्रद्धा की बयार बहने लगी। भक्तों ने ठाकुरजी से सुख- समृद्धि और कोरोना से मुक्ति को प्रार्थना की। ठाकुर द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। मीडिया प्रभारी एड. राकेश तिवारी ने बताया कि हिदू रीति- रिवाज से नव वर्ष चैत्र मास में नव संवत्सर के दिन मनाया जाता है, लेकिन यह व्यवहारिक नववर्ष है। श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन कर नववर्ष का प्रारंभ करते हैं। लक्ष्मण प्रसाद पाठक, बृजेश चतुर्वेदी, राजीव चतुर्वेदी, बनवारी लाल, अमित चतुर्वेदी मौजूद रहे। यमुना घाटों पर भी भक्तों ने पूजन किया।
गोकुल में नंदबाबा मंदिर, रमणरेती आश्रम, ब्रह्मांड घाट, चिताहरण महादेव मंदिर, चौरासी खंभा मंदिर में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश आदि के श्रद्धालु आराध्य के दर्शन करने पहुंचे। रमणरेती में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। चिताहरण महोदव पर भी श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता रहा। मंदिर में पैर रखने तक का स्थान नहीं मिल रहा था। मंदिर के बाहर जाम की स्थिति बनी रही। अंबाला निवासी बलविदर सिंह ने बताया कि भगवान के दर्शन कर वह निहाल हो गए हैं। भरतपुर निवासी अरविद कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ नए साल पर भगवान की चरणों में आए हैं। देहरादून निवासी रंजीत कुमार ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण की क्रीड़ास्थली में आनंद कुछ अलग ही है। यहां आकर शांति मिलती है।