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शादी की अनुमति मांगी तो नई इंस्पेक्टर ने पढ़ाया सतर्कता का पाठ

12 साल की आरजू सक्सेना को बनाया गोविद नगर में एक दिन का थानाध्यक्षपुलिस की कार्यप्रणाली समझी समस्याओं के समाधान के दिए निर्देश

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 06:14 AM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 06:14 AM (IST)
शादी की अनुमति मांगी तो नई इंस्पेक्टर 
ने पढ़ाया सतर्कता का पाठ
शादी की अनुमति मांगी तो नई इंस्पेक्टर ने पढ़ाया सतर्कता का पाठ

संवाद सहयोगी, मथुरा : शुक्रवार को गोविद नगर थाने में नजारा ही अलग था। आठवीं की छात्रा आरजू सक्सेना थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी थीं। एक दिन की प्रभारी इंस्पेक्टर बनीं आरजू ने कोविड-19 की गंभीरता को भी समझा। गायत्री तपोभूमि निवासी सूरज प्रकाश पचौरी की रिश्तेदारी में 30 नवंबर की शादी है। वह अनुमति को थाने पहुंचे। अनुमति तो मिल गई, लेकिन आरजू ने कोविड-19 के नियमों का पालन करने का पाठ भी खूब पढ़ाया।

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अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस पर शुक्रवार को महाविद्या कालोनी निवासी आरजू सक्सेना को एक दिन के लिए गोविद नगर थाने की कमान सौंप दी गई। लिटिल स्टार स्कूल की आठवीं की छात्रा आरजू सक्सेना की उम्र 12 वर्ष है। एक दिन थाने का प्रभार देने के लिए पुलिस ने आरजू को चुना। पुलिस की जीप में आगे बैठ आरजू सुबह 11 बजे थाने पहुंचीं, तो यहां थानाध्यक्ष अजय कुमार ने बुके देकर सम्मानित किया। आरजू ने थाने के रिकार्ड रूम, हवालात और प्रशासनिक भवन का निरीक्षण किया। फिर पुलिस जीप से ही थाना क्षेत्र का जायजा लिया। फिर नंबर आया थाने में फरियादियों से रूबरू होने का। यहां आए फरियादियों की समस्याएं सुनीं और उनका समाधान करने का निर्देश दिया। दोपहर दो बजे तो आरजू फिर पुलिस की जीप से अपने घर लंच को पहुंचीं, लंच कर फिर थाने वापस आ गईं। आरजू के लिए ये बिल्कुल नया अनुभव था, तो पुलिस की कार्यप्रणाली समझने का मौका भी।

इसलिए चुना आरजू को

आरजू सक्सेना ताइक्वांडो की इंटरनेशनल खिलाड़ी हैं। चार साल की उम्र से ताइक्वांडो का अभ्यास कर रही आरजू ने अब तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में 13 स्वर्ण पदक और दो रजत पदक झटके हैं। ब्लैक बेल्ट आरजू बनना चाहती हैं आइपीएस

आरजू सक्सेना के पिता राजेंद्र सक्सेना निजी स्कूल में अध्यापक है। मां अंजू सक्सेना ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। साउथ कोरिया में आरजू ने ताइक्वांडो में ब्लैक ब्लेट हासिल की। आइपीएस बनने का सपना देख रही आरजू कहती हैं कि वह पुलिस अधिकारी बनकर जरूरतमंदों की सेवा करेंगी। वह कहती हैं कि आज का अनुभव बेहद अच्छा रहा। वह इसे अपने साथियों के साथ साझा करेंगी। समाज में पुलिस की नकारात्मक छवि रहती है, लेकिन यहां आकर पुलिस की कार्यप्रणाली को भी समझने का मौका मिला।


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