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पेंशन और छात्रवृत्ति घोटाले की जांच को सीआइडी का मथुरा में डेरा

सहकारी बैंक समाज कल्याण और स्टेट बैंक कर्मचारियों पर शिकंजासीआइडी की विशेष अनुसंधान शाखा कर रही मुकदमों की जांच

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 06:02 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 06:02 AM (IST)
पेंशन और छात्रवृत्ति घोटाले की जांच को सीआइडी का मथुरा में डेरा
पेंशन और छात्रवृत्ति घोटाले की जांच को सीआइडी का मथुरा में डेरा

मनोज चौधरी,मथुरा: विधवा और वृद्धावस्था पेंशन के साथ छात्रवृत्ति हड़पने वालों पर सीआइडी खबर लेगी। इसके लिए सीआइडी की विशेष अनुसंधान शाखा(एसआइबी) टीम ने मथुरा में डेरा डाल दिया है। टीम कोतवाली और गोवर्धन में दर्ज मामलों में जांच करेगी। दोनों मामलों में 46 लाख रुपये से अधिक के घपले की रिपोर्ट दर्ज है, जबकि पूरा घोटाला करोड़ों में होने की आशंका है।

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लखनऊ और आगरा एसआइबी-सीआइडी की संयुक्त टीम में शामिल इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर शेखर सिंह, इंस्पेक्टर नरेंद्र कुमार ने सहयोगियों के साथ सोमवार को जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक नेपाल सिंह से पूछताछ की। कंप्यूटर का डाटा भी टीम ने कब्जे में ले लिया है। इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह ने बताया, कोतवाली में दर्ज गबन के मामले में राधारमन को टीम ने 29 दिसंबर को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, अन्य आरोपित अभी फरार हैं। सोमवार को राधारमन की जमानत पर एसीजेएम प्रथम की अदालत में सुनवाई होनी थी। मगर, जांच अधिकारी के प्रार्थनापत्र पर कोर्ट ने राधारमन का 14 दिन का रिमांड बढा दिया।

क्या है मामला: छात्रवृत्ति और पेंशन में घपले के जिले में दो मामले दर्ज हैं। पहला मामला गोवर्धन थाने में जिला सहकारी बैंक मथुरा के उप महाप्रबंधक महफूज अफजल सिद्दीकी ने दर्ज कराया था। 26 अप्रैल, 2018 को दर्ज इस मामले में जिला सहकारी बैंक की गोवर्धन शाखा के रिटायर्ड कर्मचारी शास्त्री नगर निवासी निरंजन सिंह, तत्कालीन कैशियर लोहवन निवासी राकेश बाबू (निलंबित), भरतपुर के थाना डीग क्षेत्र के भूडागेट डीग निवासी महेंद्र सिंह रिटायर्ड सहयोगी समाज कल्याण (मृतक), एएसआर इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट जमुनापार के प्रबंधक राजाराम और शहर कोतवाली की गली गुजराना निवासी शाखा प्रबंधक देवेंद्र चतुर्वेदी, जिला हरदोई की तहसील संडीला के गांव दुर्गा खेड़ा निवासी कैशियर धीरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी। अधिकारी और कर्मचारियों पर छात्रवृत्ति, विधवा और वृद्धावस्था पेंशन के 46 लाख 50 हजार 600 रुपये इंस्टीट्यूट के प्रबंधक राजाराम के खाते में ट्रांसफर किए जाने का आरोप है। इस काम के लिए इंस्टीट्यूट के प्रबंधक की ओर से दो लाख रुपये कैशियर धीरेंद्र प्रताप और 30 हजार रुपये शाखा प्रबंधक धीरेंद्र प्रताप को दिए जाने का आरोप है। दूसरा मामला कोतवाली मथुरा का है। यह मामला 30 जून, 2017 को अपर जिला सहकारी अधिकारी ब्रजभूषण ने दर्ज कराया था। इसमें इंद्रपुरी कालोनी विकास नगर निवासी राधारमन, जिला सहकारी बैंक के लिपिक ज्ञानचंद्र और कैशियर धीरज कुमार के खिलाफ 1.55 लाख रुपये की धनराशि का गबन किए जाने का आरोप है। यह धनराशि राधारमन के व्यक्तिगत बैंक खाते में भारतीय स्टेट बैंक के कर्मचारियों से मिलकर ट्रांसफर की गई थी।


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