Move to Jagran APP

ढप धर दै यार गई परकी..

संवाद सूत्र, बरसाना: जो जीवैगो सो खेलेगौ, ढप धर दै यार गई परकी के पद के साथ शुक्रवार को ब

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Mar 2018 11:27 PM (IST)Updated: Sat, 03 Mar 2018 11:27 PM (IST)
ढप धर दै यार गई परकी..
ढप धर दै यार गई परकी..

संवाद सूत्र, बरसाना: जो जीवैगो सो खेलेगौ, ढप धर दै यार गई परकी के पद के साथ शुक्रवार को ब्रज में चल रहे चालीस दिवसीय होली महोत्सव का समापन हो गया। इस दौरान बृषभान नंदनी ने अपने गर्भग्रह से बाहर निकलकर मंदिर परिसर में बरी संगमरमर की सफेद छतरी में विराजमान होकर अपने भक्तों पर कृपा का सागर बरसाया।

loksabha election banner

बृषभान नंदनी के निज धाम बरसाना में बंसत पंचमी से शुरु होने वाले चालीस दिवसीय होली के धमार का समापन शुक्रवार को जो जीवैगो सो खेलेगौ, ढप धर दै यार गई परकी के पद के साथ संपन्न हो गया। पद के अनुसार समाज गायन में उपयोग आने वाली ढप का वर्णन है जिसमें यह भाव है कि ढप को अब सुरक्षित धर दे, जो अगली साल तक जीयेंगा वो इस ढप को बजाएगा। बरसाना में होने वाली प्रसिद्ध लठामार होली तथा फागमहोत्सव का शुभारम्भ बंसत के दिन से लाडली जी मंदिर में ध्वज रूपी डाढ़ा गाढ़कर किया जाता है। गोस्वामी समाज के लोगो द्वारा मंदिर परिसर में फागमहोत्सव का अन्तिम पद जीवेगो सो खेलेगो... गाकर चलीस दिवसीय होली धमार का समापन कर, ढप, मृदंग, झांझ आदि को अगली साल के लिए उठाकर रख दिया है। वहीं शाम पांच बजे बृषभान नंदनी के डोला को सेवायत ने कंधों पर उठाकर नीचे स्थित संगमरमर की सफेद छतरी में विराजमान किया। मान्यता है कि पुराने समय में हर वर्ग के लोग मन्दिर में प्रवेश नहीं करते थे, इसीलिए साल में तीन बार राधाष्टमी, हरियाली तीज, धुल्लैड़ी के पर्व के दौरान बृषभान नंदनी हर वर्ग के लोगो को दर्शन देने के लिए सफेद छतरी में आती है। शाम सात बजे लाडली जी के डोले को वापस मंदिर में ले जाया गया। जिसके उपरान्त गोस्वामी समाज की कन्याओं द्वारा आरता किया गया। इस मौके पर लीलाधर गोस्वामी, श्याम गोस्वामी संजय गोस्वामी, अमित गोस्वामी, मुकेश गोस्वामी, रसिक गोस्वामी, रासबिहारी गोस्वामी, उमाशंकर गोस्वामी, रामभरोसी गोस्वामी, जगन्नाथ शास्त्री, कृष्ण पीयूष गोस्वामी, गोविन्दराम गोस्वामी, ध्रुवा गोस्वामी, मंगतू गोस्वामी, बंटी गोस्वामी, प्रवीन गोस्वामी, मुकेश गोस्वामी, संजय गोस्वामी आदि लोग मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.