अशक्त और अकेले हैं तो घर बैठे मिलेंगी दवाएं
जागरण संवाददाता, वृंदावन: जीवन संध्या में अपनों से अलग रहकर अकेले ही जीवन यापन कर रहे बुज
जागरण संवाददाता, वृंदावन: जीवन संध्या में अपनों से अलग रहकर अकेले ही जीवन यापन कर रहे बुजुर्गों को अब बीमार होने पर दवा के लिए बाजारों में भटकना नहीं पड़ेगा। एक वाट्सएप नंबर पर वे अपनी बीमारी या दवा की जानकारी देंगे तो आन डिमांड दवा उनके घर पहुंचेगी। दवा लागत मूल्य पर ही मिलेगी, यानि होम डिलीवरी के लिए कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा। आश्रय सदनों में रह रही विधवा माताओं को निश्शुल्क दवा डिलीवर की जाएगी। मोक्ष के लिए तीर्थ वास कर रहे ऐसे लोगों की सेवा का यह सरोकार नरोत्तम लाल सेवा संस्थान और आनंद लोक ने अपने हाथ में लिया है।
इन संस्थाओं ने अनुराग फार्मेसी बनाकर एक वाट्सएप नंबर 7500086086 जारी किया है। इस नंबर पर कोई भी बुजुर्ग बीमारी की खबर देगा तो फार्मेसी लागत कीमत पर उसके घर तक दवा पहुंचाएगी। वृंदावन आने वाले किसी भी शख्स को लागत मूल्य पर दवा भी यह संस्था देगी। आश्रय सदनों में रहने वाली विधवा माताओं को फार्मेसी निश्शुल्क दवा देगी।
वृंदावन में मोक्ष की कामना लेकर आने वाले बुजुर्ग श्रद्धालुओं और वृद्ध विधवा माताएं अनेक बीमारियों की शिकार हैं। इन्हें अनेक दातव्य चिकित्सालयों में चिकित्सा सलाह तो मिल रही है, मगर दवा के लिए इन्हें बाजार जाना ही पड़ता है। चलने-फिरने में असमर्थ ऐसे बुजुर्गों के लिए अपने इलाज के लिए दवा जुटाना भी किसी गोवर्धन पर्वत उठाने से कम नहीं है। लेकिन श्री नरोत्तमलाल सेवा संस्थान और आनंद लोक संस्था इन बुजुर्ग और विधवा माताओं को कम दामों में दवा मुहैया कराएगी।
संस्था सचिव आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने बताया कि दोनों ही संस्थाओं के जरिए वृंदावन अनुराग फार्मेसी की शुरूआत की गयी है। फार्मेसी पर नगर वासियों और बाहर से आने वाले हर श्रद्धालुओं को लागत मूल्य में दवा मिलेगी और वृंदावन में जीवन संध्या बिता रहे लोगों को उनके आवास तक दवा पहुंचाई जाएगी। चिकित्सालयों को भी फार्मेसी के वाट्सएप नंबर की जानकारी दी जा रही है। इन लोगों को जो भी चिकित्सक दवा की सलाह देगा, वह मरीज के वाट्सएप नंबर से फार्मेसी को जानकारी देगा।
शुक्रवार को अटल्ला चुंगी स्थित बसेरा मार्केट में वृंदावन अनुराग फार्मेसी का उद्घाटन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई व स्वामी ज्ञानानंद ने संतों के सान्निध्य में किया। आचार्य विष्णुकांत शास्त्री, संत विद्यानंद, महंत फूलडोल बिहारी दास, श्रीवत्स गोस्वामी, संत ज्ञानानंद, सुंदरदास, लाड़ली दास, स्वामी चित्प्रकाशानंद, स्वामी आदित्यानंद मौजूद रहे।