राज्यपाल ने वेटरिनरी यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह में छात्रों को बताये सफलता के मंत्र
राज्यपाल सुबह करीब दस बजे वेटरिनरी यूनिवर्सिटी पहुंच गए थे। कुलपति प्रो. डा. केएमल पाठक ने स्वागत भाषण दिया है।
मथुरा (जेएनएन)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा और विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के दीक्षा समारोह का राज्यपाल राम नाईक ने दीप जलाकर कर शुभारंभ किया। राज्यपाल सुबह करीब दस बजे वेटरिनरी यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। इस दौरान कुलाधिपति राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि मोदी और योगी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। कई सालों से लोकसभा और विधान सभा में महिलाओं को तैतीस फीसद आरक्षण दिए जाने की बात चल रही है,
लेकिन पिछले डेढ़ साल में साढ़े पंद्रह लाख से अधिक छात्रों को उपाधि दी गई। इनमें छात्राओं की संख्या 51 फीसद रही है। प्रदेश में समिट-2018 में शामिल हुए निवेशकों का जिक्र करते हुए कहा कि यह तभी संभव हुआ है, जब प्रदेश में कानून व्यवस्था और बिजली में सुधार हुआ है। किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर प्रधानमंत्री के आह्वान को पूरा करने के लिए छात्रों को सदैव चलते रहने का भी संदेश दिया।
कुलाधिपति राज्यपाल राम नाईक शुक्रवार को वेटरिनरी यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल का यह अंतिम दीक्षा समारोह है। दीक्षा समारोह में जाे गुणात्मक मौलिक परिवर्तन हुआ है, वह भारतीय पोशाक में समारोह का आयोजन होना है। गाउन और हैड के दीक्षा समारोह प्रदेश में अब नहीं हो रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व को लेकर कहा कि श्रीकृष्ण के विचार दुनिया में पहुंचे। इसी तरह पंडित दीनदयाल उपाध्याय के समग्र मानवता के विकास के लिए काम किया।
उन्होंने यूनिवर्सिटी की कलेंडर व्यवस्था पर भी प्रकाश डाला और कहा कि पहले कई-कई साल तक दीक्षा समारोह नहीं होते थे, लेकिन उनके कार्यकाल में दीक्षा समारोह समय पर आयोजित हो रहे हैं। उन्होंने छात्रों को अगले पड़ाव का संदेश देते हुए कहा कि आज समस्या है, पहले क्या थी। आगे हमे कहां पर जाना है। इसको ध्यान में रखकर उनको सतत आगे बढ़ता रहना चाहिए। डिग्री के महत्व को लेकर उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले ही कानपुर में कृषि विश्वविद्यालयों के सम्मेलन में उनसे स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की डिग्री को लेकर एक सवाल पूछा गया था।
उसका जबाव वह उस समय नहीं दे सके, लेकिन आज उन्होंने मंच से इसका उत्तर दिया और डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा से स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने प्राप्त की डिग्री का विवरण भी पढ़कर मंच से सुनाया। महिलाओं के आरक्षण को लेकर राज्यपाल ने कहा कि लोकसभा और विधान सभा में कई सालों से महिलाओं को तैंतीस फीसद आरक्षण दिए जाने की बात चल रही है, लेकिन आज शिक्षा के क्षेेत्र में महिलाओं को 51 प्रतिशत आरक्षण मिला है, वह उन्होंने अपने दम पर हासिल किया है।
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में देश प्रदेश में जो परिवर्तन हो रहा है, है। इसलिए महिलाएं आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजगार स्थापित करने के लिए जो समिट हुई। उसमें बड़ी संख्या में निवेशक आगे आए हैं। यह तभी संभव हुआ है, जब प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधारी है और बिजली में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि हम अब अपने ही घर से जो भी धंधा कर सकते हैं, वह करें। तभी प्रदेश आगे बढ़ेगा और देश भी आगे बढ़ेगा। उन्होंने किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए मोदी सरकार ने लागू की योजनाओं को बेहतर बताया और कहा कि किसान को बाजार में उसके उत्पाद का मूल्य सही मिलेगा तो उसकी तरक्की होगी। अंत में उन्होंने छात्रों को सदैव आगे बढ़ते रहने का संदेश दिया।
कुलपति प्रो. डा. केएमल पाठक ने स्वागत भाषण दिया है। कुलपति ने यूनिवर्सिटी की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। यूनिवर्सिटी को अोर आगे तक ले जाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता बताई और कहा कि कुलाधिपति प्रयासों को भी नहीं भुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्यारह फरवरी को मुख्यमंत्री पहली बार यूनिवर्सिटी आए थे। तब दो कॉलेजों का तोहफा भी यूनिवर्सिटी को दिया गया।
गांव के अंतिम पशुपालक तक भी मिले ज्ञान का लाभ: धीरेंद्र पाल
यूजीसी के चेयरमैन धीरेंद्र पाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि उपाधि और मेडल हासिल तक ही छात्रों की यात्रा नहीं होनी चाहिए। वेटरिनरी यूनिवर्सिटी से आप जो ज्ञान अर्जित करके जा रहे हैं। उसका लाभ गांव के अंतिम पशुपालक तक पहुंचना चाहिए। तभी हमारी यात्राी पूरी होकर एक सार्थक मुकाम पर पहुंचेगी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा और विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान के दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए यूजीसी के चेयरमैन ने छात्रों से कहा कि आज उनका दिन है। उनकी जीवन यात्रा यही पर समाप्त नहीं होती है। इसके आगे भी जारी रखना है। इसके लिए छात्रों को बड़ी सोच की जरुरत है। बड़े सपने देखने होंगे और उनको पूरा करने के लिए सतत प्रयास भी करने पड़ेंगे। वर्तमान युग गतिशील, परिवर्तनशील और आविष्कारों का है। इस युग में संचार क्रांति हो रही है।
वैज्ञानिक नवीनतम तकनीकी ईजाद कर रहे हैं। इसलिए हमको अपने विचारों की उड़ान भरनी होगी। हमको अपने अंदर नेत्तृत्व क्षमता का विकास कराना होगा। हमारी पहचान हमारे कार्य से होगी। इसलिए जो ज्ञान छात्रों ने प्राप्त किया है। उसका लाभ गांव के अंतिम पशुपालक तक पहुंचना चाहिए। यह तभी संभव होगा, जब हमारी सोच ग्रामीण केंद्रित होगी। आने वाले समय में छात्रों के सामने अनेक चुनौतियां होंगी। इनको पूरा करने के लिए कभी उनको सफलता मिलेगी तो कभी उनको असफलता का स्वाद भी चखना पड़ेगा।
मगर हम सबको इनसे डर कर रुकने की जरुरत नहीं है। क्योंकि देश और विदेश में हमारी पहचान हमारे काम से होगी। इससे पहले उन्होंने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वेटरिनरी यूनिवर्सिटी में गुणवत्ता पूर्वक शोध हुए है। यहां का कृषि विज्ञान केंद्र किसानों को कृषि विविधिकरण की तरफ ले जाने में अपना अहम योगदान दे रहा है। पशुपालकों भी यूनिवर्सिटी पशुपालन के क्षेत्र में वैज्ञानिक तौर-तरीके सिखा रहे हैं।