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बिना खरीदे ही बेच दिया ढाई करोड़ का घी

कोसीकलां की फर्म ने दिल्ली की दो फर्मों से दर्शाई खरीद कागजों में हेराफेरी वाणिज्यकर विभाग की टीम ने पकड़ा मामला सवा करोड़ का घी किया सील

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 05:10 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 05:10 AM (IST)
बिना खरीदे ही बेच दिया ढाई करोड़ का घी

जासं, मथुरा: कोसीकलां में देसी घी तैयार करने वाली एक फैक्ट्री का बड़ा घालमेल पकड़ में आया है। इस फर्म ने दिल्ली की दो फर्मों से ढाई करोड़ का घी खरीदना तो दर्शाया है, मगर उन दोनों फर्माें ने वो माल कहां से खरीदा, इसका कोई प्रमाण नहीं है। वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने जांच के बाद 1.25 करोड़ का घी सील कर दिया है।

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पिछले सप्ताह वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा की टीम विभिन्न फैक्ट्री की आनलाइन पड़ताल कर रही थी। इस दौरान टीम को कोसीकलां स्थित देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री के आनलाइन दस्तावेजों को देखकर संदेह हुआ। इसके आधार पर टीम फैक्ट्री पहुंची। यहां अधिकारियों ने फैक्ट्री स्वामी से माल के दस्तावेज मांग लिए। पाया गया कि दिल्ली की दो ट्रेडिग फर्म हैं, जहां से कोसीकलां की फैक्ट्री में करीब ढाई करोड़ रुपये का माल आया है। कागजों में एक फर्म से 66 लाख तथा दूसरी फर्म से 1.81 करोड़ की खरीद दर्शाई गई है, लेकिन उन दोनों फर्मों के दस्तावेजों में इस माल का प्रमाण नहीं मिला। इतना नहीं, कोसी की फर्म ने लाकडाउन के दौरान मई 2020 में दो करोड़ रुपये का माल दिल्ली में बेचना दर्शाया है। लेकिन रिकार्ड में जारी किए गए ई -वे बिल पर किसी वाहन का जिक्र नहीं है। टीम को फैक्टी में दस्तावेजों में दर्ज माल से कई गुना अधिक माल मौके पर मिला है। शुरुआती जांच में 1.25 करोड़ का घी फैक्ट्री में सील कर दिया है। दिल्ली के अधिकारियों से मांगा है सहयोग :

वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली के अधिकारियों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन दोनों फर्मों का भौतिक सत्यापन कराए जाने की मांग की गई है, जिन्होंने घी बनाने वाली फैक्ट्री को ढाई करोड़ का माल सप्लाई किया है। अधिकारियों को शक है कि कहीं न कहीं दिल्ली की फर्म या तो फैक्ट्री स्वामी की हैं या फिर फर्जी सिर्फ कागजों पर ही संचालित हो रही हैं। - घी गलत तरीके से बेचे जाने का मामला आया है। दस्तावेज भी पूरी तरह से ठीक नहीं मिले हैं। दिल्ली की फर्म ने माल तो बेचा है, लेकिन उन्होंने खरीदा नहीं है। अभी जांच चल रही है। शक सहीं निकला तो काफी टैक्स चोरी का मामला पकड़ में आएगा।

मनोज त्रिपाठी, ज्वाइंट कमिश्नर (विशेष अनुसंधान शाखा) - वाणिज्यकर विभाग


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