नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गैंग चढ़ा हत्थे
शहर के केआर इंटर कॉलेज के पास बेरोजगारों से करवा रहे थे आवेदन चार-चार लाख ऐंठने की शिकायत पर पुलिस ने घेराबंदी कर पांच दबोचे पांच अन्य फरार
मथुरा, जासं। पुलिस ने नौकरी लगवाने के लिए बेरोजगारों से आवेदन भरवाने और फिर उनसे ठगी करने वाले गैंग के सरगना सहित पांच सदस्यों को दबोच लिया। जबकि गैंग के पांच साथी फरार हैं। पकड़े गए पांच सदस्यों में एक राजनीतिज्ञ का रिश्तेदार भी बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस उसकी राजनीतिक पहचान को उजागर करने से बच रही है।
पुलिस लाइन में मंगलवार को पत्रकारों को इस गैंग की जानकारी देते हुए एसपी क्राइम अशोक कुमार मीणा और सीओ विनय कुमार चौहान ने बताया कि कोतवाली पर कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नौकरी के नाम पर उनसे चार-चार लाख रुपये ठग लिए गए हैं। ठगी करने वाला गैंग शहर के किशोरी रमण इंटर कॉलेज के मैदान के पास बेरोजगारों से नौकरी के लिए आवेदन करा रहा है।
सूचना पर प्रभारी निरीक्षक थाना कोतवाली केके तिवारी, भरतपुर गेट चौकी प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह और होलीगेट पुलिस चौकी प्रभारी ने घेराबंदी कर ली। पुलिस ने यहां से अमित कुमार पुत्र वीरेंद्र सिंह निवासी 43-102 सराय बेगा सिकंदरा, थाना सिकंदरा, आगरा, सिकंदर पुत्र सुलेमान निवासी सी-17 रेलवे कालोनी भौगल जंगपुरा, थाना निजामुद्दीन दिल्ली, गौतम पुत्र बलवीर निवासी टेड़ी बगिया प्रकाशपुरम, थाना एत्माददौला, आगरा, राजकुमार पुत्र ब्रहम्मादीन निवासी कोठी वंदना, थाना बिठूर, कानपुर नगर, शकील पुत्र सत्तार खां निवासी टेडी बगिया पुरा गोवर्धन, जलेसर रोड, थाना खंदौली आगरा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने इनके पांच साथियों को फरार बताया। यह हुई बरामदगी: आरोपितों से 46,740 रुपये नकद, 'उप्र सरकार' लिखी एक स्विफ्ट डिजायर कार, छह मोबाइल फोन, 10 चेकबुक, छह पासबुक, पैड, मोहरें, बिहार, बनारस, इलाहाबाद, हरियाणा शिक्षा बोर्ड के छात्रों के शैक्षिक दस्तावेज की फोटो प्रतियों के 14 सैट, ज्वाइनिग इनफोर्मेशन शीट, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड नई दिल्ली के 14 सैट, 10 बडे़ पीले लिफाफे तथा आठ छोटे रजिस्ट्री लिफाफे। पुलिस की पूरी पटकथा पर सवाल
मथुरा: शहर के किशोरी रमण इंटर कॉलेज के मैदान के समीप से पुलिस ने मंगलवार को जिस गैंग को पकड़ कर जेल भेजा है, उसकी जो पटकथा लिखी है वही अपने आप में कई सवाल खड़े कर रही है। जिनके जवाब पुलिस अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं। पुलिस जिन लोगों से ठगी करने की शिकायत मिलने की बात कर रही, उनके नाम उजागर नहीं कर रही है। अगर उनके साथ ठगी हुई थी तो पुलिस को पहले उनका मुकदमा दर्ज करना चाहिए था, जो पुलिस ने दर्ज नहीं किया और महज एक शिकायत के आधार पर युवकों को पकड़ लिया गया। पुलिस ने आरोपितों से पूछताछ भी की, लेकिन पुलिस यह भी नहीं बता पा रही है कि आखिर आरोपित लोग गैंग को किस तरह से संचालित कर रहे थे। उनका नेटवर्क कहां और किस जिले में फैला हुआ था। कोतवाल केके तिवारी ने बताया कि जिन लोगों ने शिकायत की थी, उनकी तरफ से ठगी का कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। जबकि भरतपुर गेट पुलिस चौकी प्रभारी प्रबल प्रताप सिंह दावा कर रहे हैं, ठगी होने की शिकायत किए जाने का आधार पर ही कार्रवाई की गई। यहां तक कि पुलिस पूछताछ में सरगना अमित से नेटवर्क के पूरे संचालन का तरीका तक मालूम नहीं कर पाई। उसके कहां तक तार फैले हुए हैं, इसकी भी जानकारी न मिलने की भी बात कोतवाली पुलिस कह रही है।