दारोगा ने दाखिल किया झूठा आरोपपत्र, चौकीदार बरी
दुष्कर्म के प्रयास में एक चौकीदार के खिलाफ दारोगा ने झूठी चार्जशी
जागरण संवाददाता, मथुरा: दुष्कर्म के प्रयास में एक चौकीदार के खिलाफ दारोगा ने झूठी चार्जशीट दाखिल कर दी। आठ साल तक चौकीदार अदालत में न्याय को संघर्ष करता रहा। अंत में चौकीदार को न्याय मिल गया। शुक्रवार को अदालत ने चौकीदार को दोषी मुक्त कराते हुए दारोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक और मुख्य सचिव को भी निर्णय की प्रति अवलोकन के लिए भेजी है।
थाना कोसीकलां स्थित न्यू अग्रवाल कालोनी निवासी बाली नंदगांव रोड पर पीकाक गोदाम में 31 जनवरी 2013 में चौकीदार करता था। एक महिला ट्रक से अपने भाई की ससुराल बिच्छोर के पास जा रही थी। उसे ट्रक चालक ने रात करीब नौ बजे नंदगांव रोड पर उतार दिया। महिला गोदाम पर पहुंची और वहां कुंवर लाल से मिली। महिला का आरोप था, तभी गोदाम का चौकीदार बाली आ गया और उसके अपने घर ले जाकर सोने के लिए कहा। इसे बाद वह उसे अपने घर न ले जाकर गोदाम के एक कमरे में ले गया। उसके साथ दुष्कर्म प्रयास किया। महिला ने बाली के खिलाफ थाना कोसीकलां में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसकी जांच तत्कालीन विवेचक अनूप कुमार भारतीय ने की और बाली के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया। 17 जुलाई 2013 को मामला अदालत के संज्ञान में आया। एडीजीसी क्रिमिनल सुभाष चंद चतुर्वेदी ने बताया, न्यायालय अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश, पाक्सो एक्ट न्यायालय संख्या दो अमर सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद आरोपित बाली को दोषमुक्त कर दिया। इसके साथ अदालत ने विवेचक अनूप कुमार भारतीय के द्वारा गलत तरीके से विवेचना की गई। इसके कारण एक निर्दोष व्यक्ति के अधिकारों का हनन किया गया है। इस कारण विवेचक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन, मुख्य सचिव को निर्णय की प्रति भेजी है।