फेल हो गई थी संदीप की पहली सुपारी
फीरोजाबाद: मंगलवार रात शूटर्स की गोली का शिकार बने आरएसएस पदाधिकारी की हत्या के लिए दी गई पहली सुपारी फेल हो गई थी।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: मंगलवार रात शूटर्स की गोली का शिकार बने आरएसएस पदाधिकारी संदीप शर्मा की हत्या की सुपारी लगभग छह माह पहले भी दी गई थी। उस वक्त मध्यस्थ अश्वनी वर्मा को रकम भी दे दी गई थी, मगर आखिरी वक्त पर शूटर जेल चला गया। इसके बाद फिर से नई कीमत पर नया सौदा हुआ और संदीप की हत्या कर दी गई।
पुलिस के दावे के मुताबिक दीपावली पर संदीप से तकरार के बाद पवन बुरी तरह बौखला गया था। टापा खुर्द निवासी अश्वनी वर्मा से हत्या का सौदा किया। तब पवन ने 1.20 लाख रुपये दिए। बताया गया है क्षेत्र के एक शातिर को सुपारी देना तय हुआ, मगर उसी वक्त पुलिस ने उसे पुराने मामले में जेल भेज दिया। बाद में जब पवन ने पैसे मांगे तो अश्वनी ने 50 हजार का चेक दिया। इसके बाद फिर से पवन ने बात बढ़ाई, इस बार अश्वनी ने अनिल और सत्ताईस से डील करवा दी। इसके बाद हत्याकांड को अंजाम दिया गया। सुपारी दिलाने में मध्यस्थ अश्वनी वर्मा शाम तक बाजार में देखा गया, इसके बाद से गायब हो गया। एसपी सिटी राजेश कुमार ¨सह ने बताया कि पिछले दिनों एक शादी में संदीप शर्मा ने उसके प्रेम संबंध को लेकर टिप्पणी की थी। इसको लेकर खुन्नस और बढ़ गई। वहीं मीडिया के सामने पेश किए जाने पर पवन ने आरोपों से इन्कार कर दिया।
उसका कहना था कि पूछताछ के नाम पर लाने के बाद मुझे जबरन फंसाया गया है। इस हत्याकांड से उसका कोई मतलब नहीं है। इसके साथ ही उसका बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
--दीपावली पर हुई थी बड़ी रार: पवन और संदीप के बीच 2014 में छज्जे को लेकर तकरार हुई थी। पुलिस पहले इसी विवाद को देख रही थी, मगर जब तफ्तीश बढ़ी तो मामला आठ महीने पहले का निकला। पुलिस के मुताबिक दीपावली पर पवन की पत्नी मेडिकल स्टोर के बाहर सीढ़ी पर बैठी थी। इसी बीच वहां से संदीप निकला तो उसने पूछा कौन, पवन की पत्नी ने कहा मैं पवन की पत्नी हूं। इस पर उसने कहा कि असली या नकली वाली। इस पर वह भड़क गई। पवन के दुकान के बाहर आने पर पत्नी ने पूछताछ शुरू कर दी, जिस पर वह भड़क गया और पत्नी की पिटाई सड़क पर कर दी। संदीप ने मना किया तो तकरार हुई। घर जाकर पवन ने पत्नी को पीटा और उसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। पूरी रात पवन को हवालात में गुजारना पड़ी। इसके बाद रंजिश और बढ़ गई।
- हाईकोर्ट से बहाल करवाया था लाइसेंस- हत्या करवाने के आरोप में गिरफ्तार पवन के खिलाफ पहले 307 का मुकदमा दर्ज हुआ था। पब्लिक के बीच फाय¨रग पर रासुका की कार्रवाई भी चली थी और लाइसेंस निरस्त कर दिए गए थे। एसएसपी ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर उसने लाइसेंस बहाल कराए थे।
- परिवार में चल रही थी कलह-- एक तलाकशुदा महिला से पवन के संबंधों को लेकर परिवार में भी कलह चल रही थी। पुलिस के मुताबिक कई बार पत्नी और भाई से झगड़ा हुआ था। पहले महिला की दुकान पवन ने अपनी दुकान के एक हिस्से में खुलवाई थी। कलह बढ़ने पर अलग दुकान खुलवा दी।