अभी 62 पर ही एफआइआर, बाकी पर लटकी तलवार
घोटालेबाजों के खिलाफ दर्ज हुई पहली एफआइआर से निजी संस्थानों में मची अफरा-तफरी जागरण संवाददाता मथुरा अभी निजी आइटीआइ में हुए 23 करोड़ के घोटाले की पहली एफआइआर
जागरण संवाददाता, मथुरा: अभी निजी आइटीआइ में हुए 23 करोड़ के घोटाले की पहली एफआइआर शुक्रवार को दर्ज हुई है, जिसका असर जिले के दूसरे निजी शिक्षण संस्थानों पर भी दिखाई दिया। जांच को गठित टीम अब सभी आइटीआइ की पड़ताल करेगी। माना जा रहा है कि अन्य आइटीआइ में भी छात्रवृत्ति के नाम पर खेल किया गया है। निजी आइटीआइ तथा अन्य शिक्षण संस्थानों पर तलवार लटकी हुई है।
प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर गुप्ता ने थाना सदर में निलंबित जिला समाज कल्याण अधिकारी तथा विभाग के तीन लिपिकों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसमें जिले की 62 आइटीआइ भी शामिल हैं। जिले में करीब 150 निजी आइटीआइ हैं। इनमें से बाकी पर भी तलवार लटकी है। जानकारों का मानना है कि अभी उन आइटीआइ के नाम भी इनमें शामिल नहीं हुए हैं, जहां सबसे बड़ा खेल हुआ है। इसको लेकर प्रमुख सचिव की ओर से एक जांच समिति का भी गठन किया गया है। जल्द ही वह समिति राजीव भवन पहुंचकर जांच करेगी। जहां भी गड़बड़ी मिलेगी। उनके खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराकर वसूली की कार्रवाई की जाएगी। - बलदेव क्षेत्र की सबसे अधिक आइटीआइ-
जिन 62 निजी आइटीआइ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई हैं। उनमें सबसे अधिक आइटीआइ बलदेव क्षेत्र की हैं। इतना ही नहीं कई जिले की प्रमुख संस्थाओं का नाम भी इस एफआइआर में दर्ज है। वहीं कुछ आइटीआइ के नाम तो अलग-अलग हैं। उनके स्थान भी अलग हैं, लेकिन संचालक एक ही हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि कई संस्था तो जिले के प्रमुख लोगों की हैं। जबकि मौके पर संस्थान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति है।