फोन नंबर तो दूर महिला अस्पताल में नहीं बनाई गई फाइल
जिला महिला अस्पताल में व्यवस्था खस्ता हाल हैं। यहां आने वाली महिलाओं का प्रसव तक हो जाता है लेकिन स्टाफ फाइल तक नहीं बनाता है। इतना ही नहीं अस्पताल आने वाली महिला कौन है कहां से आई है। उसका फोन नंबर क्या है।
जागरण संवाददाता, मथुरा: जिला महिला अस्पताल में व्यवस्था खस्ता हाल हैं। यहां आने वाली महिलाओं का प्रसव तक हो जाता है, लेकिन स्टाफ फाइल तक नहीं बनाता है। इतना ही नहीं अस्पताल आने वाली महिला कौन है, कहां से आई है। उसका फोन नंबर क्या है। इसका भी कोई रिकार्ड नहीं रखते हैं। औपचारिकता पूरी करने के लिए मात्र एक रजिस्टर पर नाम लिख लिया जाता है। इतना ही नहीं महिला के पति और उसके पिता का क्या नाम है। इसको लेकर भी स्थिति साफ नहीं होती है। इसकी एक बानगी नवजात को छोड़कर गई मां के मामले में देखने को मिला है। जिला महिला अस्पताल में शुक्रवार रात प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को भर्ती तो कर लिया गया। इतना ही नहीं दो घंटे में बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया। खासबात यह रही कि स्टाफ दो घंटे में महिला की फाइल तक तैयार नहीं कर सका। सीएमएस डा. बीडी भाष्कर का कहना है कि फाइल क्यों नहीं बन पाई। इसको लेकर उन्होंने किसी भी तरह की कोई जानकारी होने से साफ मना कर दिया। वहीं ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स भी एक दूसरे पर मामले को टालते हुए देखी गई। कोई भी नर्स यह नहीं बता सकी कि आखिर फाइल क्यों तैयार नहीं हुई।