कर्ज में डूबे आलू के किसान ने की खुदकशी
मृतक किसान पर करीब पंद्रह लाख रुपये का कर्ज था
संवादसूत्र, लक्ष्मीनगर: किसानों के सिर पर से कर्ज का बोझ कम नहीं हो पा रहा है। शनिवार की शाम को एक किसान ने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। मृतक किसान पर करीब पंद्रह लाख रुपये का कर्ज था। आलू में घाटा हो जाने के कारण वह बैंक और साहूकारों को कर्ज की अदायगी नहीं कर पा रहा था।
तहसील महावन के गढ़ी हयातपुर निवासी दीपक सारस्वत (32) आलू किसान था। उसके पास खुद की करीब दस बीघा जमीन थी, जबकि पच्चीस बीघा जमीन उसने दूसरे किसानों से भाड़े पर ले रखी थी। फसल में लागत के लिए उसने बैंक ऑफ बड़ौदा की गोकुल शाखा से 2.80 लाख रुपये और भूमि विकास मथुरा से 1.80 हजार रुपये लिए थे। गांव में ब्याज पर रुपये देने वालों से भी उसने करीब पंद्रह लाख रुपये उधार ले रखा था। इसकी ब्याज भी मोटी बताई गई है। पिछले तीन साल से आलू में उसको घाटा जा रहा था। इस बार भी आलू बेचकर वह कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं था। मृतक के भाई राकेश ने बताया इसको लेकर दीपक काफी परेशान और तनाव में रहने लगा। शनिवार शाम को चुपचाप घर से निकल गया। रात को परिजन तलाश करते हुए खेत पर पहुंचे तो उसका शव पड़ा मिला। एसडीएम महावन उमा पांडेय का कहना है कि हयातपुर में कर्ज के चलते किसान द्वारा की गई खुदकशी का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। ऐसा कोई मामला है तो वह इसे दिखवाएंगी। --इन किसानों के ले रखे थे खेत
-10 हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से गांव के किशोरी रमण प्यारे लाल का 10 बीघा, अन्ना का 4 बीघा, गांव अलीपुर के गुलाब का 3 बीघा, जानकी विनोद का 3 बीघा, सत्तो पंडित का 5 बीघा।