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गेहूं की कटाई का जोर, मतदान न पड़ जाए कमजोर

लगातार मौसम के बिगड़ने से किसानों की पहली चिंता फसल की सुरक्षा गेहूं की कटाई शुरू होने से किसान और मजदूरों की व्यस्तता बढ़ी

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 11:56 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 07:49 AM (IST)
गेहूं की कटाई का जोर, मतदान न पड़ जाए कमजोर
गेहूं की कटाई का जोर, मतदान न पड़ जाए कमजोर

कराहरी(मथुरा), संसू। इस वर्ष मौसम का मिजाज खेतों को अनुकूल नहीं रहने से किसान चिंतित हैं। दूसरी ओर चुनावी मौसम चरम पर चल रहा है। जनपद में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होना है। गेहूं की फसल की कटाई शुरू होने से किसान और मजदूरों की व्यस्तता बढ़ गई।

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इस कारण वह चुनावी सभाओं में भी शामिल नहीं हो रहे हैं। कहीं ऐसा न हो कि मतदान वाले दिन भी कहीं मतदान केंद्रों पर उनकी उपस्थिति कम हो जाए।

कराहरी निवासी किसान लोकेंद्र बताते हैं कि 18 अप्रैल को चुनाव होना है। इस समय किसान सबसे अधिक व्यस्त होता है। खेतों में गेहूं की फसल कटने को तैयार खड़ी है। मौसम बिगड़ने की आशंका से किसान सभी काम छोड़कर अपनी उपज को जल्दी से जल्दी घर लाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में किसान और मजदूरों का गांव में मिलना संभव नहीं होगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने 20 बीघा गेहूं की अगेती फसल बुवाई की है, जो अप्रैल के पहले सप्ताह से कटनी शुरू हो जाएगी। मतदान वाले दिन के आसपास मौसम की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। गांव में नेताओं की सभा रह सकती है सूनी:

गेहूं और सरसों की कटाई में लगे किसान और मजदूर गांव के बजाय खेतों पर रहने से नेताओं की सभा सूनी रह सकती हैं। ऐसे में नेताओं को ग्रामीणों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। कई लोगों का मानना है कि बड़े नेताओं की रैलियों को सफल करना भी आसान नहीं होगा।


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