बांके बिहारी की कृपा से मुझ किन्नर को कहने लगे मां
महामंडलेश्वर बनने के बाद वृंदावन पहुंची किन्नर हिमांगी फिल्मी दुनिया से किनारा कर पकड़ी आध्यात्म की राह
वृंदावन, जासं। हेमंत से हिमांगी बन फिल्मी दुनिया में अपना जलवा बिखरने के बाद आध्यात्म की राह पर चल पड़ी किन्नर हिमांगी को नेपाली पशुपति पीठ ने महामंडलेश्वर की उपाधि से नवाजा है। प्रयागराज में चल रहे कुंभ में महामंडलेश्वर की उपाधि मिलने के बाद पहली बार वृंदावन पहुंचीं। कहा कि ब्रज से उनका लगाव गहरा रहा है।
महामंडलेश्वर किन्नर हिमांगी ने कहा आज वह जिस मुकाम पर हैं ब्रज की धरती से ग्रहण की हुई शिक्षा व ब्रजवासियों का प्यार है। जो समाज किन्नर प्रजाति को एक अलग रूप से देखता है आज वही समाज उसे हिमांगी मां व हिमांगी दीदी का दर्जा देता है। जिसका श्रेय ठाकुर बांके बिहारी को जाता है। कहा कि इस लिए वह अपने आप को किन्नर नहीं बल्कि भगवान श्रीकृष्ण की सखी मानती हैं। इसलिए वह प्रयागराज कुंभ से महामंडलेश्वर की पदवी से सम्मानित होने के बाद सीधे बांके बिहारी की शरण में आई हैं। मुंबई की रहने वाले किन्नर हेमंत उर्फ हिमांगी ने परिवार से निकाले जाने के बाद वृंदावन के एक गुरुकुलम में भागवत की शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने विदेश में भी भागवत की महिमा का गुणगान किया। इसी के चलते हिमांगी को महामंडलेश्वर की पदवी सौंपी गई है।