हमाई समस्या तो गिरिराजजी खत्म करेंगे, नेतन के बसकी नाए
जेनर्म की बस में मथुरा से गोवर्धन के रास्ते खूब हुई चुनावी चर्चा हर यात्री बोला नेता आएंगे हम वोट देंगे ऐसे ही चलता रहेगा सब
मथुरा, उमेश भारद्वाज। समय दोपहर का एक बजे, सूरज आसमान के बीचों बीच से आग उगल रहा था। नए बस स्टैंड पर यात्री छांव की तलाश में थे तो गला तर करने को पानी भी ढूंढ रहे थे। यहां गोवर्धन जाने वाली जेनर्म की बस में चढ़े तो लगा जैसे आग के गोले में प्रवेश कर गए हों।
पांच मिनट ही बैठे होंगे कि सबसे पहले एक बुजुर्ग बस में चढ़ने से पहले पूछते हैं बेटा कहां जाएगी। कंडक्टर ने गोवर्धन कहा। वह कदम बढ़ाते हुए गाड़ी में चढ़ गए। धीरे-धीरे सवारियां बढ़ती गईं और करीब 25 मिनट बाद बस स्टार्ट करते ही पीछे बैठे दो युवकों ने गिरिराज महाराज का जयकारा लगाया। यहीं से शुरू हुआ सफर।
भूतेश्वर चौराहा, कृष्णा नगर होते हुए बस ने जैसे ही गोवर्धन चौराहा से गोवर्धन रोड पर प्रवेश किया, पहला दचका लगते ही एक युवक बोला आ गई सड़क। बस में बैठी दैनिक जागरण की टीम ने सबसे पहले उसी युवक से चुनावी चर्चा शुरू की। जमनावता निवासी रमेश बोला, भाई साहब सीमेंटेड सड़क खत्म हो जाने दो, आप खुद ही जान जाओगे नेताओं की कथनी और करनी का अंतर। बोले, सपा की अखिलेश सरकार में गोवर्धन रोड फोरलेन मंजूर हुई पर अभी तक नहीं बनी है। पास बैठे उन्हीं के रिश्तेदार जयवीर बोले आपको पता ही नहीं चलेगा कि सड़क गड्ढों में है या गड्ढों में सड़क है। क्या यही है भाजपा का सुशासन। हुआ भी यही, जैसे ही श्रीजी बाबा सरस्वती विद्या मंदिर से एक किमी आगे निकले होंगे गाड़ी के शीशे खड़खड़ करने लगे।
रफ्ता-रफ्ता बस बढ़ रही थी तो गर्मी के मौसम में चुनावी चर्चा भी तेज होती गई। युवक राजेंद्र ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की बात उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की तो बुजुर्ग दाताराम बीच में ही बोले- बेटा गोली-बंदूक नहीं इस गर्मी में तो सूखते कंठ को पानी चाहिए। आज तक कोई सरकार गोवर्धन को नहीं दे पाई।
सवाल गोवर्धन को तीर्थनगरी घोषित करने का आया तो जचौंदा के रामवीर बोले यह तो पांच हजार साल पहले से ही धार्मिक नगरी है। कागजों में घोषित होने का फायदा तो तब मिलता जब सुविधाएं भी बढ़तीं। भाजपा कुछ भी कहे, मथुरा-गोवर्धन जाने वाली पहली सड़क तो कांग्रेस के कार्यकाल में ही बनी। राजेंद्र बोले ओर क्या, देख लो अब सड़क का क्या हाल है।
सबसे पहले सतोहा पर उतरे वीरपाल बोले भाई साहब, हमारे गांव चलो, हम दिखाते हैं 70 साल में कितना विकास हुआ है। अरे, ये तो नेता हैं और हमें वोट देना है। ऐसे ही चलता रहेगा। कंडक्टर के सीटी बजाते ही ड्राइवर ने गेयर डाल दिया।
खामनी आते ही अब तक चुप बैठीं वीरमती बस से उतरते बोलीं- भैया कोऊ नेता हो जीतवे के बाद कोई सुधि लैवे नाएं आवै। ऐसे में हेमा का बुरी है।
अड़ींग निवासी किशोर और नवल का कहना था कि हमाई समस्या तो गिरिराजजी महाराज ही खत्म करेंगे, इन नेतन के बसकी कछऊ नाए। सरकार तो भाजपा की बनेगी, ऐसे में गठबंधन प्रत्याशी जीतो भी तो का कर पाएगो। समस्याएं:
- मथुरा से गोवर्धन तक की सड़क पूरी तरह खस्ताहाल हो चुकी है।
- गोवर्धन क्षेत्र के अधिकांश गांवों में पीने के मीठे पानी की समस्या।
- इंसान और जानवरों के लिए अस्पताल और दवाओं का अभाव।
- उच्च और तकनीकि शिक्षा के लिए शिक्षण संस्थाओं की कम संख्या।
- रोजगार के साधनों का अभाव, अधिकांश लोग श्रद्धालुओं पर निर्भर।