बरसाना में खूंखार कुत्तों ने किया बच्चे पर हमला
बरसाना के पिसावा में चीख पुकार पर ग्रामीणों ने बचाया पिछले माह मासूम देवकी को खा गए थे गांव में दहशत
बरसाना (मथुरा), संसू। खूंखार कुत्तों का शिकार हुई मासूम बच्ची का दर्द पिसावावासियों के जेहन से अभी तक निकला नहीं है। वहीं, सोमवार शाम को कुत्तों ने एक मासूम पर हमला बोल दिया। ग्रामीणों ने बमुश्किल उसकी जान बचाई। कुत्तों के हिसक होने से ग्रामीणों में दहशत है।
सोमवार शाम घर पर अकेले खेल रहे सात वर्षीय शिवम पुत्र धीमा पर आधा दर्जन कुत्तों ने हमला कर दिया। वह शिवम को खींचकर ले जाने लगे। बच्चे की चीख सुन पहुंचे ग्रामीणों ने उसे कुत्तों के चंगुल से छुड़ाया। बच्चे के परिजन खेत पर धान की पौध लगाने गए थे।
12 मई की सुबह गांव पिसावा निवासी भूप सिंह की सात वर्षीय पुत्री देवकी पिता को खाना देने खेत पर जा रही थी। तभी खूंखार कुत्तों ने उसे शिकार बना लिया। मासूम देवकी को नोंच-नोंच कर खाने की घटना जिसने सुनी स्तब्ध रह गया। खूंखार कुत्ते विशेषकर महिलाओं और बच्चों पर हमला कर रहे हैं। तब हिसक कुत्तों की तलाश में बरसाना पुलिस ने जंगल की खाक छानी, जबकि ग्रामीणों ने आधा दर्जन कुत्ते मार दिए थे। - अगर आसपास के पड़ोसी न होते तो मेरा बेटा भी मर जाता। खूंखार कुत्ते उसे कमर पर खा गए है।
धीमा सिंह, पिता - पशु गणना चल रही है, यह तीस जून तक चलेगी। फिलहाल, पिसावा में कुत्ते पकड़ने का कोई प्लान नहीं है।
डॉ. भूदेव सिंह, सीवीओ - कुत्ते हमलावर हो रहे हैं। इनके हमलावर होने के दो कारण होते हैं, पहला संक्रमण और दूसरा वर्तमान में पड़ रही भीषण गर्मी में खाने और पानी की कमी। झुंड में रहने वाले कुत्ते भोजन की तलाश में आक्रामक जल्दी होते हैं। मौसम बदलते ही रुख में बदलाव आएगा।
डॉ. मुकुल आनंद, सहायक आचार्य, वेटेरिनरी विवि कुत्तों को पकड़ने का काम वन विभाग का नहीं है। कहीं कोई स्थान विशेष में समस्या है तो उसका समाधान निगम, नगर पंचायत व ग्राम पंचायत के अधिकारियों को अपने स्तर पर करना होगा।
मेघश्याम शर्मा, वन क्षेत्र अधिकारी